अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे को हाई-ग्रेंड कैंसर और उनका न्यूयॉर्क में इलाज चल रहा है. इस खबर के सामने आते ही फैंस सोनाली की सलामती की दुआ कर रहे हैं. सोनाली ने खुद अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर मेटास्टैटिक कैंसर होने का जिक्र किया है. मेटास्टैटिक कैंसर ऐसा कैंसर होता है जिसमें कैंसर कोशिकाएं बहुत तेजी से बढ़ती और फैलती हैं. जानें मेटास्टैटिक कैंसर कितना खतरनाक है और क्या इसका इलाज संभव है?
एक भावुक बयान में सोनाली ने कहा कैंसर फैलता गया जिसका ‘हमें सचमुच पता नहीं चला.’ उन्होंने कहा, ‘लगातार हो रहे दर्द के चलते कुछ जांच कराई गईं जिसमें यह चौंकाने वाली बात सामने आई.
मेटास्टैटिक कैंसर क्या है ?
मेटास्टैटिक कैंसर शरीर में होने वाले अन्य प्रकार के कैंसर की तुलना में ज्यादा खतरनाक माना जाता है इसकी वजह इसका शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाना है. मैटास्टैटिस का मतलब होता है रूप बदलना, यह कैंसर भी ऐसा ही करता है. कैंसर के सेल्स टूटने के बाद यह शरीर की अन्य हिस्सों में फैलने लगता है, जिससे पूरी शरीर की प्रक्रिया प्रभावित होने लगती है.
मेटास्टैटिक कैंसर के लक्षण
कैंसल कैंसर के लक्षण मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करते हैं कि यह कैंसर शरीर के किस हिस्से तक फैल रहा है. जैसे अगर यह कैंसर मस्तिष्क पर हमला करता है तो सिरदर्द, दौरे पड़ना या चक्कर आने जैसे लक्षण दिखते हैं. इसी तरह जब कैंसर फेफड़ों पर हमला करता है तो सांस लेने में दिक्कत आने लगती है. अगर इस कैंसर की शुरुआत हड्डियों से होती है तो हड्डियां कमजोर होने लगती है, दर्द होने लगता है और फ्रैक्चर भी संभव है. वहीं यह कैंसर अगर लीवर पर हमला करता तो पेट में सूजन, दर्द और पीलिया जैसे लक्षण सामने आते हैं.
किस हद तक इलाज संभव है ?
एक समय के बाद मेटास्टैटिक कैंसर के सेल्स की बढ़ोतरी को रोकना मुश्किल हो जाता है क्योंकि यह पूरे शरीर में फैल जाता है, लेकिन अगर समय रहते इस कैंसर का पता चल जाये तो इससे रोगी को बचाया जा सकता है.

