नयी दिल्ली : बधिर ओलंपियनों ने खेल मंत्रालय द्वारा उचित स्वागत नहीं मिलने के बाद यहां हवाईअड्डे पर विरोध किया, उन्होंने मांग की है कि उनके साथ भी पैरा-एथलीटों की तरह ही समान बर्ताव किया जाना चाहिए.
बधिर ओलंपियनों ने 18 से 30 जुलाई को तुर्की के सैमसुन में हुए बधिर ओलंपिक में एक स्वर्ण सहित पांच पदक जीते हैं, उन्होंने विरोधस्वरुप दिल्ली हवाईअड्डे को छोड़ने से इनकार कर दिया क्योंकि खेल मंत्रालय का कोई भी शीर्ष अधिकारी उनका स्वागत करने के लिये नहीं पहुंचा था. बाद में उन्होंने खेल सचिव इंजेती श्रीनिवास से मुलाकात कर अपनी मांग रखी कि बधिर ओलंपियनों का भी पैरा-एथलीटों की तरह बराबरी का बर्ताव किया जाना चाहिए.
वीरेंद्र कुमार :74 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती: भारत के लिये एकमात्र स्वर्ण पदक विजेता था और उनके कोच महा सिंह राव ने कहा कि श्रीनिवास ने इस मामले को मंत्रालय की समिति के समक्ष रखने का वादा किया है.
गुरु हनुमान अखाडे के राव ने कहा, हमने खेल सचिव से मुलाकात की, जो साई के महानिदेशक भी हैं और हमने मांग रखी कि बधिर ओलंपियनों के साथ पैरा-एथलीटों के समान बर्ताव किया जाना चाहिए और उन्होंने इस मामले पर फैसले के लिये मंत्रालय की एक समिति के समक्ष रखने का वादा किया.
उन्होंने कहा, हमने अन्य मुद्दों जैसे बधिर ओलंपियनों को साई सुविधाओं के इस्तेमाल किये जाने की अनुमति देने, अर्जुन पुरस्कार के लिये बधिर ओलंपियनों के नाम पर विचार और इन एथलीटों के लिये वित्तीय प्रोत्साहन दिये जाने की बात भी रखी. राव ने कहा कि उनके एथलीट वीरेंद्र ने अर्जुन पुरस्कार जीता है और वह एक अन्य बधिर पहलवान को इस सम्मान के लिये नामांकित करना चाहते हैं.