नवरात्र. पट खुलते ही माता के दर्शन के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब कैप्शन – प्रसाद बिगहा स्थित मंदिर में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते श्रद्धालु, – नये रेलवे स्टेशन मालगोदाम के पास गोदभराई के लिए उमड़ी भीड़.
प्रतिनिधि, नवादा नगरचैती नवरात्र की अष्टमी तिथि यानी शनिवार को शहर के नये रेलवे स्टेशन मालगोदाम स्थित हनुमान मंदिर में स्थापित मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की गयी. मंदिर व पूजा पंडालों में मां दुर्गा की गोदभराई के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी. महिलाओं ने माता गौरी की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की. महिलाएं सोलह शृंगार किये हाथों में पूजन सामग्री से सजी थाल लिये सुबह से ही मंदिर व पूजा पंडाल में पहुंचने लगी थीं. शहर के स्टेशन रोड पुरानी स्टेशन के पास दुर्गा मंदिर, देवी कॉलोनी में मां दुर्गा का मंदिर, प्रसाद बिगहा दुर्गा मंदिर, थाना रोड दुर्गा मंदिर आदि जगहों पर महिलाओं की काफी भीड़ देखी गयी. पूजा व दर्शन में किसी को कोई परेशानी न हो, इसके लिए नये रेलवे स्टेशन के पास प्रतिमा के आस-पास पंडाल बनाया गया था. लोग लंबी कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. देर शाम तक महिलाएं पूजा करती दिखीं भक्ति गीतों से शहर गुंजायमान रहा. कतार में खड़ी महिलाएं भी जय माता दी का जयघोष कर रही थी. जिन मुहल्लों में प्रतिमा स्थापित नहीं की गयी थी, वहां मंदिरों में पहुंचकर महिलाओं गोदभराई की रस्म पूरी की. विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस के साथ-साथ पूजा समिति के सदस्य भी मौजूद थे.
गोदभराई के लिए पूजा पंडालों में उमड़ी
पूजा के दौरान पंडालों में माता की गोदभराई के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह सात बजे के बीच शुभ मुहूर्त में मां का नेत्रपट खोला गया. इसके बाद मां के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जुट गयी. माता की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा है भोर से ही श्रद्धालु खासकर महिलाएं माता की गोदभराई के लिए पूजा पंडालों में पहुंचने लगीं. ज्योतिष धर्मेंद्र झा ने बताया कि चैत्र नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी का पूजा का एक विशेष महत्व है इस वर्ष 5 अप्रैल को यह पर्व मनाया जायेगा. पंचांग के अनुसार 4 अप्रैल रात्रि 1:21 मिनट से अष्टमी तिथि शुरू हो जाती है. जबकि 5 अप्रैल को 12:05 रात्रि तक यह समय है. 5 अप्रैल को ही महा अष्टमी व्रत महानिशा पूजा का विधान होगा.
इस साल दुर्गाष्टमी पर बना विशेष संयोग
दुर्गा अष्टमी पर शिववास योग का होना बहुत शुभमाना जा रहा है. शिववास योग निशा काल में है. इसके अलावा, सुकर्मा योग भी है. यह योग भी शुभफल देने वाला माना जाता है. पुनर्वसु नक्षत्र भी इस दिन है. दुर्गाष्टमी पर माता रानी की पूजा विधि-विधान के साथ करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है. अष्टमी के दिन, जो कि नवरात्रि का आठवां दिन है, मां दुर्गा के महागौरी रूप को प्रसन्न करने के लिए नारियल से बनी मिठाइयों, हलवा, काले चने, खीर-पूड़ी, लड्डू और फलों का भोग लगाया जाता है.
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