33.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

OMG : घर जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन में नहीं मिला टिकट, तो सारी कमाई झोंककर खरीदी कार

COVID19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए देश में लागू लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पेंटर का काम करने वाले लल्लन को सपरिवार अपने पैतृक गांव गोरखपुर के कथोलिया जाना था. प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए सरकार की ओर से श्रमिक स्पेशल चलाने के बाद उन्होंने परिवार को ट्रेन से घर ले जाना चाहा. इसके लिए वे टिकट खरीदने के लिए स्टेशन पर करीब तीन दिन तक इंतजार भी किया, लेकिन उन्हें टिकट नसीब नहीं हुआ. लल्लन ने तभी ठान लिया कि अब वे ट्रेन से अपने परिवार को घर नहीं ले जाएंगे और उन्होंने अपनी सारी कमाई झोंककर कार खरीद ली.

नयी दिल्ली : लॉकडाउन के भी अजीबो-गरीब किस्से हैं. ज्यादातर किस्से लोगों के रोंगटे खड़े कर रहे हैं, तो इन्हीं किस्सों में से कुछ लोगों को चौंकने पर भी मजबूर कर रहे हैं. यह किस्सा जरा अलग हटकर है और है जरा जायकेदार, लेकिन भारतीय रेलवे के अधिकारियों की आंखें भी खोलता है. बात उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर में पेशे से पेंटर लल्लन की है. दरअसल, गोरखपुर के रहने वाले लल्लन को लॉकडाउन में घर जाना था. इसके पहले, दूसरे और तीसरे चरण के मध्य तक कोई उपाय नहीं था, लेकिन जब सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया, तो लल्लन के मन में आस जगी.

Also Read: श्रमिक स्पेशल ट्रेन के बाद अब रांची पहुंची श्रमिक स्पेशल फ्लाइट, 174 मजदूर पहली बार हवाई जहाज से झारखंड पहुंचे

लल्लन सपरिवार अपने घर जाने के लिए श्रमिक स्पेशल का टिकट लेने की कोशिश करने लगे. मीडिया की रिपोर्ट की मानें, तो श्रमिक स्पेशल ट्रेन का टिकट पाने के लिए लल्लन तीन दिनों तक स्टेशन पर ही बैठे रहे. इतने लंबे इंतजार के बाद भी जब उन्हें टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने घर पहुंचने के लिए एक नया निश्चय किया.

मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन दिन के इंतजार के बाद जब उन्हें टिकट नहीं मिला, तो चौथे दिन वह बैंक गए और अपने खाते से 1 लाख 90 हजार रुपये निकाल लाए. इसके बाद वे कारों के सेकेंड हैंड मार्केट गए. वहां पहुंचकर उन्होंने डेढ़ लाख रुपये में कार खरीदी और वे अपने पूरे परिवार के साथ गोरखपुर स्थित पीपी गंज के कथोलिया गांव लौट आए. इसके बाद, उन्होंने कसम खा ली कि अब वे दोबारा परदेस नहीं जाएंगे.

संवादाताओं को अपना दुखड़ा बताते हुए लल्लन ने कहा कि बस में बहुत भीड़ थी और परिवार के लोगों को संक्रमित होने का खतरा अधिक था. उन्होंने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन में टिकट नहीं मिलने पर मैंने कार खरीदी और फिर अपना घर वापस आ गया. उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि पूरे परिवार को सुरक्षित गोरखपुर लाने के लिए अपनी पूरी कमाई झोंक दी, लेकिन मैं खुश हूं कि मेरा परिवार सुरक्षित है.

Posted By : Vishwat Sen

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें