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तेलंगाना के मंदिरों में लगा 2000 रुपये के नोटों का ढेर, दान पेटियों से निकल रहे गुलाबी-गुलाबी नोट

तेलंगाना के यदाद्री मंदिर के दानपेटी से जब पैसे निकाले जाने लगे, तो उससे केवल 2000 रुपये का ही नोट निकला. यदाद्री मंदिर के अधिकारियों ने मीडिया से बताया कि दानपेटी से निकले गुलाबी-गुलाबी रंग के नोटों की जब गिनती की गई, तो करीब 2 लाख रुपये मूल्य के बराबर 2000 रुपये के नोट दानपेटी से निकले.

हैदराबाद : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जब से 2000 रुपये के बड़े नोट को चलन से वापस लेने का ऐलान किया है, तभी लोगों को में खलबली मची हुई है. हालांकि, आरबीआई ने बैंकों के माध्यम से 2000 रुपये के नोट को बदलने की आखिरी तारीख 30 सितंबर 2023 निर्धारित किया है. लेकिन, जिन लोगों के पास काफी मात्रा में 2000 रुपये के नोट हैं, उन लोगों में इन नोटों को खपाने की जल्दबाजी दिखाई दे रही है. आलम यह है कि जिन लोगों के पास 2000 रुपये के नोट हैं और वे अगर बैंकों में जाकर बदल नहीं पा रहे हैं, तो अब उन्होंने उसे खपाने के लिए मंदिर का सहारा ले लिया है और बिना किसी दाम के 2000 रुपये का नोट मंदिर में दान करके चल दे रहे हैं. ऐसी ही एक खबर तेलंगाना से आ रही है. खबर है कि तेलंगाना के मंदिरों की दानपेटियों से 100, 200, 500 या फिर 10, 20, 50 के नोट नहीं निकल रहे हैं, बल्कि 2000 रुपये के नोटों का अंबार लगा हुआ है.

दानपेटी से निकल रहे गुलाबी-गुलाबी नोट

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अभी हाल ही में तेलंगाना के यदाद्री मंदिर के दानपेटी से जब पैसे निकाले जाने लगे, तो उससे केवल 2000 रुपये का ही नोट निकला. यदाद्री मंदिर के अधिकारियों ने मीडिया से बताया कि दानपेटी से निकले गुलाबी-गुलाबी रंग के नोटों की जब गिनती की गई, तो करीब 2 लाख रुपये मूल्य के बराबर 2000 रुपये के नोट दानपेटी से निकले. मंदिर के अधिकारियों का कहना है कि आरबीआई की घोषणा से पहले मंदिर की दानपेटी में 2000 रुपये के एक या दो नोट निकलते थे, लेकिन अब केवल गुलाबी-गुलाबी नोट ही निकल रहे हैं.

प्रसाद खरीदने के लिए भी 2000 रुपये का इस्तेमाल

मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, तेलंगाना के धर्मस्व विभाग ने मंदिरों के प्रशासन को श्रद्धालुओं से 2,000 के नोट स्वीकार करने के निर्देश दिए हैं. मंदिरों की ओर से कहा जा रहा है कि राज्य सरकार ने हमें बैंकों में 2,000 के नोट जमा करने के लिए आरबीआई की गाइडलाइन के पालन करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि मंदिर के काउंटरों पर सेवा टिकट, पूजा सामग्री और प्रसाद खरीदने वाले भक्त 2,000 के नोटों का इस्तेमाल कर रहे हैं. हम उन्हें हतोत्साहित नहीं कर रहे हैं, क्योंकि आरबीआई ने 2000 के नोट जमा करने के लिए सितंबर अंत तक का समय दिया है.

नोटो की अभी नहीं की गई गिनती

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना के भद्राचलम सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर और वेमुलावाड़ा श्री राजा राजेश्वर मंदिर के अधिकारियों ने अभी तक दानपेटी से चढ़ावे तौर पर निकले 2000 के नोटों की गिनती नहीं की है. हालांकि, भद्राचलम मंदिर के ईओ एल रामा देवी ने पुष्टि की कि उन्हें भारी संख्या में 2,000 नोट प्राप्त हुए हैं. वेमुलावाड़ा मंदिर के ईओ कृष्ण प्रसाद ने कहा कि उन्हें अगले सप्ताह दानपेटी खोलने पर ही पता चलेगा कि उनके मंदिर में कितने मूल्य के 2000 रुपये के नोट दानपेटी में डाले गए हैं.

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दान पर टैक्स नहीं लगता

भद्रकाली मंदिर के ईओ के एस भारती ने कहा कि कोई श्रद्धालु मंदिर में मुद्रा के रूप में दान कर सकता है और इस राशि पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. हैदराबाद में कुछ मंदिर प्राधिकरण आरबीआई के फैसले के कारण दानपेटी में चढ़ावे के माध्यम से अच्छी उछाल की उम्मीद कर रहे हैं. 2016 में नोटबंदी के समय दानपेटियां 500 रुपये के पुराने नोटों से भरी हुई पाई जाती थीं. हालांकि, इस समय उस तरह की स्थिति नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में 2,000 से अधिक नोट देखने को मिल सकते हैं.

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