Panchayat: सरकार जमीनी स्तर पर महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रही है. सरकार की कोशिश पंचायत स्तर पर महिला प्रतिनिधियों की भागीदारी बढ़ाने की है. मंगलवार को केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने ‘सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान’ की शुरुआत की जिसमें चुने गए महिला प्रतिनिधियों को लेकर विज्ञान भवन में एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में देश की 1200 से अधिक निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधि और अन्य नेता शामिल हुए. इस कार्यक्रम का मकसद पंचायती राज स्तर पर महिला प्रतिनिधियों का क्षमता विकास करना है. ताकि महिलाएं अपनी नेतृत्व, निर्णय लेने की क्षमता और जमीनी स्तर पर गवर्नेंस को बेहतर करने में योगदान दे सके. मंत्रालय ने इसके लिए व्यापक रोडमैप तैयार किया है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर गवर्नेंस में व्यापक बदलाव लाने में महिलाओं का अहम योगदान है. ‘सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान’ का मकसद पंचायत स्तर पर शासन के कामकाज में महिलाओं की सशक्त भागीदारी को सुनिश्चित करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार महिलाओं को जमीनी स्तर पर शासन में भागीदारी को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. देश में महिला नेतृत्व को जमीनी स्तर पर उठाए गए कदमों से ही आगे लाया जा सकता है. केंद्रीय मंत्री ने संविधान के 73वें संशोधन की महत्ता पर बोलते हुए कहा कि इसके कारण देश की पंचायतों में 14 लाख से अधिक महिला प्रतिनिधि निर्वाचित होने में सफल हुई है.
महिलाओं की मजबूत भागीदारी से पंचायत हो रही है सशक्त
बिहार जैसे राज्यों में पंचायत में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या से अधिक महिला प्रतिनिधि हैं. महिलाएं घरेलू कामकाज संभालने के साथ ही पंचायत का काम भी बखूबी निभा रही हैं. इससे जाहिर होता है कि अगर महिलाओं को सही मार्गदर्शन और मौका मिले तो वह हर क्षेत्र में शानदार उपलब्धि हासिल कर सकती है. ऐसे में पंचायत स्तर पर महिला प्रतिनिधि के क्षमता विकास पर जोर देकर सशक्तिकरण की राह को आसान बनाया जा सकता है.
इस मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि महिला आधारित शासन व्यवस्था को सशक्त बनाने से स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, आर्थिक स्थिरता और सतत विकास को बल मिलता है. उन्होंने पंचायत की महिला प्रतिनिधियों से अपने अधिकार का प्रयोग खुद के विवेक से करने पर जोर दिया. महिला सशक्तिकरण से आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक असमानता दूर होती है. सरकार द्वारा पिछले 10 साल में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का सकारात्मक प्रभाव दिखा है. महिलाएं लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और स्वयं सहायता समूह के जरिए सशक्त हो रही है.