Bjp: बिहार विधानसभा में मिली बड़ी जीत से उत्साहित भाजपा अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गयी है. अगले साल पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होना है और मौजूदा समय में सिर्फ असम में भाजपा की सरकार है. भाजपा चुनावी राज्यों में जीत हासिल करने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने और रणनीति बनाने में जुट गयी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस कड़ी में असम और पश्चिम बंगाल का दौरा कर रहे हैं. सोमवार को असम दौरे पर गृह मंत्री ने कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा असम के विकास के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए राज्य को अवैध घुसपैठ से मुक्त कराने का वादा भी किया.
गृह मंत्री ने असम के सांस्कृतिक विरासत के साथ वहां के नायकों का भी जिक्र कर पार्टी को आम जन से जोड़ने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि देश को तोड़ने की चाह रखने वालों को महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव जी ने 500 वर्ष पहले ‘एक भारत’ का जो संदेश दिया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं. वर्षों से घुसपैठियों के कब्जे में रहे बटाद्रवा थान को राज्य सरकार ने घुसपैठियों से मुक्त कर विश्व-प्रसिद्ध तीर्थ बनाया और यह भारतीय संस्कृति की 500 वर्षों की विरासत से जोड़ने वाला पवित्र तीर्थस्थल बन चुका है. गोपीनाथ बोरदोलोई जी ने ही असम को भारत में जोड़ने के लिए देश के प्रथम प्रधानमंत्री को मजबूर किया और अगर वे न होते तो असम भारत का हिस्सा नहीं होता.
विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 1983 में आईएमडीटी एक्ट लाकर घुसपैठियों को असम में बसाने का काम किया, लेकिन मोदी सरकार घुसपैठियों को सिर्फ असम से नहीं पूरे देश से खदेड़ने का काम कर रही है. असम आंदोलन के शहीदों के लिए कुछ नहीं किया, हमारी सरकार ने उनका स्मारक बनाकर उन्हें सच्चा सम्मान दिया. लचित बरफुकन की वीरगाथा असम तक सीमित थी, केंद्र सरकार उसे 23 भाषाओं में देश-दुनिया तक पहुंचाने का काम किया. मोदी सरकार ने असम की शांति के लिए 5 समझौते किए, जिससे राज्य के 92 फीसदी मुद्दे हल हो गए हैं. असम दौरे पर गृह मंत्री ने चुनाव के लिए पार्टी का एजेंडा तय कर दिया. पार्टी विकास, संस्कृति और अवैध घुसपैठ को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाएगी.
पश्चिम बंगाल को लेकर पार्टी की है विशेष तैयारी
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पश्चिम बंगाल के लिए हाई वोल्टेज कैंपेन चलाया था. पार्टी को राज्य में सत्ता पर काबिज होने की उम्मीद थी. लेकिन संगठन स्तर पर मजबूत नहीं होने के कारण तृणमूल कांग्रेस को हराने में भाजपा विफल रही. हालांकि पार्टी 77 सीटें जीतने में कामयाब रही. पिछली हार से सबक लेते हुए भाजपा इस बार जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने में जुट गयी है. पश्चिम बंगाल में संगठन को मजबूत करने के लिए नेताओं को तैनात किया गया है. पिछली बार बंगाली अस्मिता का मुद्दा उठाकर तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को बाहरी पार्टी के तौर पर प्रचारित किया और चुनाव में इसका लाभ तृणमूल कांग्रेस को मिला. इस बार भाजपा बंगाली अस्मिता के मुद्दे पर सतर्क है.
गृह मंत्री अमित शाह चुनावी तैयारी और संगठन की स्थिति का जायजा लेने के लिए तीन दिन तक बंगाल में रहेंगे. सोमवार कोलकाता पहुंचते ही राज्य के कोर ग्रुप के नेताओं के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश देंगे. मंगलवार को कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ संवाद कर जमीनी हालात का जायजा लेंगे. साथ ही कार्यकर्ताओं के एक बड़े सम्मेलन को संबोधित कर कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेंगे. असम की तरह पश्चिम बंगाल में भी भाजपा अवैध घुसपैठ को चुनावी मुद्दा बनाने, तृणमूल सरकार के तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था को अहम मुद्दा बना सकती है.
बिहार जीत से उत्साहित भाजपा इस बार पश्चिम बंगाल को लेकर सटीक और सधी रणनीति अपना रही है. आने वाले समय में पश्चिम बंगाल में केंद्रीय मंत्रियों का दौरा तेज होने की संभावना है. पार्टी पश्चिम बंगाल के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भी पेश करेंगे.

