India Pakistan War: भारत ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और POK में एयर स्ट्राइक कर आतंकवादियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर पहलगाम हमले का बदला ले लिया. भारत की घातक कार्रवाई से पाकिस्तान दहशत में है और सीमा पर लगातार गोलीबारी कर रहा है. पाकिस्तानी सेना ने जम्मू क्षेत्र के पुंछ व राजौरी तथा उत्तरी कश्मीर के बारामूला व कुपवाड़ा के अग्रिम गांवों पर गोलाबारी और मोर्टार से हमला किया. जिसमें 4 बच्चों और 2 महिलाओं समेत 15 लोगों की मौत हो गई. 50 से अधिक घायल हो गए.
सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
पाकिस्तान की ओर से हो रही गोलीबारी के मद्देनजर नियंत्रण रेखा (LOC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) के पास रहने वाले सैकड़ों लोगों को बुधवार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
#WATCH | J&K: Pakistan Army resorted to arbitrary firing, including Artillery shelling from posts across the Line of Control and IB opposite J&K during the night of 06-07 May 2025.
— ANI (@ANI) May 7, 2025
Properties at the LoC in Rajouri suffered significant damages. Residents left their homes and… pic.twitter.com/qyM3fUdPOj
क्या कहना है सीमा से सटे गांव के लोगों का?
अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित जोरियन गांव के निवासी लियाकत अली ने कहा, “हमारे गांव में सीमा पार से कोई गोलीबारी नहीं हुई है, लेकिन हमें आर एस पुरा में स्थित आईटीआई कॉलेज में स्थानांतरित होने को कहा गया है, जहां मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सरकार ने हमारे रहने के लिए आवश्यक प्रबंध किए हैं.” अली ने कहा कि गांव को अतीत में बहुत नुकसान हुआ है और पाकिस्तानी गोलाबारी के कारण यह गांव तबाह हो गया था. उन्होंने कहा, “हमें अपनी सुरक्षा के लिए बाहर जाने को कहा गया है और हम सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे हैं.”
जैसलमेर के लोग ऑपरेशन सिंदूर से हैं खुश
ऑपरेशन सिंदूर पर भारत-पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके के एक ग्रामीण ने कहा, “चाहे अल्पसंख्यक समुदाय हो या विशेष समुदाय, वे खुश हैं. लोग खुश हैं. पहलगाम की घटना का बदला लिया गया है…पाकिस्तान में लड़ने की ताकत नहीं है, उनके पास कुछ भी नहीं है. वे भारत के खिलाफ कैसे लड़ेंगे…सेना को हमेशा देश के खिलाफ खड़े लोगों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए.” एक अन्य ग्रामीण ने कहा, “हम कल रात की स्ट्राइक से खुश हैं. हम अपनी सेना के साथ खड़े हैं. हम उन्हें अपना समर्थन देते हैं. पहले हमारे पूर्वजों ने सेना को समर्थन दिया था, आज हम वही कर रहे हैं.”