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NCERT इंडिया और भारत में कोई अंतर नहीं करती, संसद में शिक्षा मंत्रालय ने दिया जवाब

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आज यानी बुधवार को संसद में साफ कर दिया की एनसीईआरटी इंडिया और भारत के बीच अंतर नहीं करती है. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद इंडिया और भारत के बीच अंतर नहीं करती है और संविधान में निहित भावना को स्वीकार करती है जिसमें दोनों को मान्यता दी गई है.

लंबे समय से एनसीईआरटी की ओर से इंडिया और भारत को लेकर चल रही चर्चा पर लगता है विराम लग गया है. शिक्षा मंत्रालय ने इस मुद्दे पर विराम लगा दिया है. दरअसल शिक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में दिए जवाब में कहा कि एनसीईआरटी इंडिया और भारत के बीच अंतर नहीं करती. सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) इंडिया और भारत के बीच अंतर नहीं करती है और संविधान में निहित भावना को स्वीकार करती है जिसमें दोनों को मान्यता दी गई है.

राज्यसभा में शिक्षा राज्य मंत्री ने दिया जवाब

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने वाम सदस्यों संतोष कुमार पी और इलामाराम करीम के एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है. उन्होंने सवाल किया था कि क्या सरकार को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के पैनल से पाठ्यपुस्तकों में जहां इंडिया शब्द का प्रयोग किया जा रहा है वहां भारत शब्द का प्रयोग करने की कोई सिफारिश प्राप्त हुई है? इसके जवाब में शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद एक में उल्लिखित है कि इंडिया, जोकि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा.

दोनों नामों को मान्यता देता है संविधान- शिक्षा राज्य मंत्री

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने  कहा कि भारत का संविधान इंडिया और भारत दोनों को देश के आधिकारिक नामों के रूप में मान्यता देता है. उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी में जिनका परस्पर उपयोग किया जा सकता है. एनसीईआरटी हमारे संविधान में निहित इस भावना को मान्यता देती है और दोनों के बीच अंतर नहीं करती है. अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि जैसे-जैसे हम सामूहिक रूप से औपनिवेशिक मानसिकता से अलग हो रहे हैं और भारतीय भाषाओं में शब्दों के उपयोग को प्रोत्साहित कर रहे हैं, स्कूली पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों की तैयारी में शामिल एनसीईआरटी भी उसी को आगे बढ़ाने में अपना सर्वोत्तम प्रयास करेगी.

‘इंडिया और भारत’ के बीच का विवाद

गौरतलब है कि हाल के दिनों में यह बात चर्चा में आई थी कि एनसीईआरटी आने वाले समय में अपनी पाठ्यपुस्तकों को इंडिया से बदलकर भारत कर देगा. इस बात को लेकर देश में चर्चा भी होने लगी थी, हालांकि NCERT की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी. लेकिन शिक्षा मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में दिए गए जवाब से यह साफ हो गया कि एनसीईआरटी भविष्य में पाठ्यपुस्तकों में ऐसा कोई बदलाव नहीं करने वाला है.

भाषा इनपुट से साथ

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Pritish Sahay
Pritish Sahay
12 वर्षों से टीवी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में सेवाएं दे रहा हूं. रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पढ़ाई की है. राजनीतिक, अंतरराष्ट्रीय विषयों के साथ-साथ विज्ञान और ब्रह्मांड विषयों पर रुचि है. बीते छह वर्षों से प्रभात खबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने के बाद डिजिटल जर्नलिज्म का अनुभव काफी अच्छा रहा है.

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