Mumbai Terror Attacks: दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने 26/11 आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा की याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. राणा ने अपने परिवार से फोन पर बातचीत करने की अनुमति मांगी है. राणा के वकील ने दलील दी कि एक विदेशी नागरिक के तौर पर यह उसका मौलिक अधिकार है कि वह अपने परिवार से बात करे, जो हिरासत में रहने के दौरान उसके साथ हो रहे व्यवहार को लेकर चिंतित हैं. हालांकि, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चल रही जांच का हवाला देते हुए अनुरोध का विरोध किया और चिंता जताई कि राणा संवेदनशील जानकारी का खुलासा कर सकता है. कोर्ट इस संबंध में कल आदेश पारित कर सकता है.
तहव्वुर राणा ने 19 अप्रैल को दायर की थी याचिका
तहव्वुर राणा ने 19 अप्रैल को अपने वकील के माध्यम से विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष याचिका दायर की, जिन्होंने सोमवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) को 23 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.
18 दिन की हिरासत में है आतंकी तहव्वुर राणा
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को 10 अप्रैल को एक अदालत ने 18 दिन की हिरासत में भेज दिया था. एनआईए ने आरोप लगाया कि आपराधिक साजिश के तहत आरोपी डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले राणा के साथ पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की थी. एनआईए ने राणा की रिमांड का अनुरोध करते हुए अदालत को बताया कि संभावित चुनौतियों की आशंका के चलते हेडली ने राणा को एक ईमेल भेजा था जिसमें उसके सामान और संपत्तियों का ब्यौरा था. एनआईए ने आरोप लगाया कि हेडली ने राणा को इस साजिश में पाकिस्तानी नागरिकों इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की संलिप्तता के बारे में भी बताया था, जो इस मामले में आरोपी हैं.
26 नवंबर 2008 आतंकी हमले से दहल उठा था मुंबई
10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने 26 नवंबर, 2008 को अरब सागर में समुद्री मार्ग के जरिये भारत की वित्तीय राजधानी में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो होटल और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमला किया. लगभग 60 घंटे तक हमले में 166 लोग मारे गए.