मणिपुर में हालात रह-रहकर बिगड़ रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के एक दिन बाद उग्रवादियों ने शुक्रवार को बम और हथियारों से हमले किये, जिसमें 15 लोग घायल हुए. हालांकि सेना के जवानों ने स्थिति को संभाल लिया है. भारतीय सेना ने बताया कि मणिपुर में सेना, असम राइफल्स, सीएपीएफ और पुलिस लगातार शांति बहाली की दिशा में काम कर रहे हैं.
इंफाल पश्चिम जिले के दो गांवों में भड़की हिंसा
मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के दो गांवों में शुक्रवार रात बम और हथियारों से लैस संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने हमला किया. अधिकारियों ने बताया कि फयेंग और कांगचुप चिंगखोंग गांव में तैनात राज्य पुलिस व मणिपुर राइफल्स के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे दोनों पक्षों में मुठभेड़ छिड़ गई, जो चार घंटे से अधिक समय तक चली और उग्रवादी पास की पहाड़ियों की तरफ भाग गए.
मणिपुर हिंसा में अबतक 98 लोगों की गयी जान
मणिपुर में एक महीने पहले भड़की हिंसा में कम से कम 98 लोगों की जान जा चुकी है और 310 लोग घायल हो गये हैं. इस समय 272 राहत शिविरों में कुल 37,450 लोग हैं.
मणिपुर हिंसा में अबतक 3734 मामले दर्ज
मणिपुर हिंसा को लेकर अबतक 3,734 मामले दर्ज किये हैं और हिंसा में संलिप्तता के मामले में 65 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
गृहमंत्री अमित शाह ने किया चार दिवसीय दौरा
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों हिंसा प्रभावित मणिपुर का चार दिवसीय दौरा किया था. जिसके बाद उनकी अपील के बाद मणिपुर में विभिन्न स्थानों पर लोगों ने 140 से अधिक हथियार जमा कराये हैं.
क्यों भड़की हिंसा
गौरतलब है कि मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद से मणिपुर में हिंसा भड़की. राज्य में शांति की बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के लगभग 10,000 जवानों को तैनात किया गया है.