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महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने ‘तबलीगी कार्यक्रम’ को लेकर गृह मंत्रालय को ठहराया जिम्मेदार

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने राजधानी दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए बुधवार को सवाल किया कि धार्मिक कार्यक्रम से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए

मुंबई : महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने राजधानी दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए बुधवार को सवाल किया कि धार्मिक कार्यक्रम से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए.

देशमुख ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने जमात नेता मौलाना साद से उस दौरान देर रात दो बजे मुलाकात की थी जब कार्यक्रम आयोजित हुआ था. उन्होंने दोनों के बीच हुई ‘‘गुप्त” बातचीत की प्रकृति पर सवाल उठाया.

देशमुख ने यह भी सवाल किया कि डोभाल को देर रात साद से मिलने के लिए किसने भेजा था. उन्होंने सवाल किया, ‘‘जमात सदस्यों से सम्पर्क करना एनएसए का काम था या दिल्ली पुलिस आयुक्त का?” राकांपा के वरिष्ठ नेता ने केंद्र सरकार पर जमात को धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने का आरोप लगाते हुए आठ सवाल किये और आरोप लगाया कि जमात के साथ सरकार के संबंध हैं.

उन्होंने कहा कि मरकज़ के पास निजामुद्दीन पुलिस थाना होने के बावजूद (कोविड-19 खतरे के मद्देनजर) इज्तिमा रोका नहीं गया. देशमुख ने सवाल किया, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के इज्तेमा के आयोजन की अनुमति क्यों दी?’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या केंद्रीय गृह मंत्रालय मरकज में इस पैमाने पर लोगों के एकत्रित होने और उसके बाद कोरोना वायरस के सभी राज्यों में प्रसार के लिए जिम्मेदार नहीं है?” निजामुद्दीन मरकज में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के मुख्य स्रोत के रूप में उभरा है.

देशमुख ने एनएसए और मौलाना साद के बीच हुई ‘‘गुप्त बातचीत” के बारे में सवाल करते हुए कहा, ‘‘एनएसए डोभाल को देर रात दो बजे मरकज में किसने और क्यों भेजा? यह काम एनएसए का है या दिल्ली पुलिस आयुक्त का है?” उन्होंने यह भी जानने की कोशिश की कि डोभाल और दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने इस मुद्दे पर कुछ क्यों नहीं बोला है.

देशमुख ने सवाल किया, ‘‘डोभाल से मुलाकात के बाद मौलाना साद अगले दिन कहाँ फरार हो गया? वह (मौलाना) अब कहाँ है? उनसे (जमात सदस्यों से) कौन संबंधित है?” देशमुख ने केंद्र पर तबलीगी जमात से संबंध होने का आरोप लगाते हुए पूछा कि उनके द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब कौन देगा। उल्लेखनीय है कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को सवाल किया था कि नयी दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति किसने दी.

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