Divorce Alimony Calculation Process: भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी कोरियोग्राफर धनश्री वर्मा का तलाक हो गया है. दोनों गुरुवार को बांद्रा फैमिली कोर्ट पहुंचे और मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुए, जहां उनके वकील ने पुष्टि की कि शादी कानूनी रूप से समाप्त हो गई है. तलाक के समझौते के तहत चहल ने अपनी पूर्व पत्नी धनश्री वर्मा को 4 करोड़ 75 लाख रुपये की एलिमनी देने पर सहमति जताई है. अब तक चहल 2 करोड़ 37 लाख 55 हजार रुपये का भुगतान कर चुके हैं, जबकि बाकी राशि का भुगतान उन्हें निर्धारित समय पर करना होगा.
कैसे तय होती है तलाक की एलिमनी?
भारतीय कानून में गुजारा भत्ता (एलिमनी) तय करने का कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है. यह कई कारकों पर निर्भर करता है जिनमें शामिल हैं:
- पति-पत्नी की वित्तीय स्थिति – कौन कितना कमा रहा है और किसकी आर्थिक स्थिति कैसी है
- कमाई की क्षमता – किसकी आय कितनी है और भविष्य में कमाने की क्षमता क्या है.
- वैवाहिक जीवन की अवधि – शादी कितने समय तक चली और पति-पत्नी का जीवन स्तर कैसा था.
- करियर में किया गया त्याग – क्या किसी एक ने शादी के कारण अपना करियर छोड़ा या आर्थिक रूप से निर्भर रहा.
- बच्चों की जिम्मेदारी– बच्चों की कस्टडी किसे मिली है और उनका खर्च कौन उठाएगा
- आर्थिक जरूरतें – महिला या पुरुष को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी चलाने के लिए कितनी जरूरत है.
- पति की देनदारियां – अगर पति के ऊपर कर्ज या अन्य वित्तीय बोझ है, तो इसे भी ध्यान में रखा जाता है
क्या पुरुष को भी एलिमनी मिल सकती है?
आमतौर पर महिलाओं को एलिमनी मिलती है लेकिन भारतीय कानून पुरुषों को भी गुजारा भत्ता मांगने का अधिकार देता है. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 24 और 25 के तहत, यदि पति यह साबित कर सके कि वह किसी गंभीर शारीरिक समस्या, विकलांगता या अन्य कारणों से आर्थिक रूप से पत्नी पर निर्भर था तो उसे भी गुजारा भत्ता मिल सकता है. हालांकि, ऐसे मामलों में अदालत की ओर से गहन जांच की जाती है.