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राज्यसभा में आज पेश होगा दिल्ली सेवा बिल, AAP-कांग्रेस ने जारी किया व्हिप

लोकसभा से पास होने के बाद दिल्ली सेवा बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा. ऐसे में जहां एक ओर आम आदमी पार्टी इस बिल का शुरुआत से विरोध कर रही है, वहीं गठबंधन में आने के बाद से कांग्रेस ने भी इस बिल का विरोध शुरू कर दिया है.

Delhi Service Bill In Rajya Sabha : लोकसभा से पास होने के बाद दिल्ली सेवा बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा. ऐसे में जहां एक ओर आम आदमी पार्टी इस बिल का शुरुआत से विरोध कर रही है, वहीं गठबंधन में आने के बाद से कांग्रेस ने भी इस बिल का विरोध शुरू कर दिया है. अब, दिल्ली सेवा विधेयक को राज्यसभा में पेश किये जाने की संभावना के बीच कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर उनसे सोमवार को उच्च सदन के स्थगन तक सदन में मौजूद रहने को कहा है. उच्च सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने चार अगस्त को तीन-पंक्ति वाला व्हिप जारी किया, जिसमें कहा गया कि ‘सात अगस्त को राज्यसभा में बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.’

तीन-पंक्ति का व्हिप जारी

जयराम रमेश ने कहा है कि राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे सात अगस्त को पूर्वाह्न 11 बजे से सदन के स्थगन तक उपस्थित रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें. राज्यसभा में पार्टी के सदस्यों को रविवार को एक पत्र भी भेजा गया. इस पत्र में कहा गया, ‘सात अगस्त, को पूर्वाह्न पौने 11 बजे से सदन के स्थगन तक राज्यसभा में उपस्थित रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें, क्योंकि विधायी कामकाज के संबंध में महत्वपूर्ण विषयों पर मतदान किया जाएगा. तीन-पंक्ति का व्हिप इस संबंध में पहले ही जारी किया जा चुका है.’

आप ने जारी किया दो दिनों का व्हिप

आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली से जुड़ा विधेयक राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना के बीच व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों को सोमवार और मंगलवार को संसद के उच्च सदन में मौजूद रहने को कहा है. विपक्षी दलों के वाकआउट के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 गुरुवार को लोकसभा से पारित हो गया था. आप ने व्हिप जारी कर अपने सभी राज्यसभा सदस्यों को सोमवार सुबह 11 बजे से सदन में मौजूद रहने को कहा है.

चार घंटे की चर्चा के बाद दिल्ली सेवा विधेयक लोकसभा से पारित

करीब चार घंटे की चर्चा के बाद दिल्ली सेवा विधेयक लोकसभा से पारित हो गया. चर्चा का जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया था. शाह ने स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेशों पर कानून बनाने की शक्ति केंद्र सरकार के पास है और दिल्ली के केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते केंद्र को उसके लिए नियम बनाने का भी पूरा अधिकार है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के नियंत्रण को लेकर आप नीत दिल्ली सरकार की केंद्र के साथ तकरार जारी है. मई में, केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया था.

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गृह मंत्री अमित शाह पेश करेंगे बिल

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को पेश करने वाले हैं. दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पदस्थापना के संबंध में अध्यादेश के स्थान पर इस विधेयक को विपक्षी दलों के बहिर्गमन के बीच गुरुवार को लोकसभा द्वारा पारित कर दिया गया.

विफल करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा I.N.D.I.A

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के दल विधेयक को पारित करने के सरकार के कदम को विफल करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे, भले ही संख्या बल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में है. बीजू जनता दल (बीजद) तथा युवजन श्रमिक रायतु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने विधेयक पर सरकार को अपना समर्थन देने का वादा किया है.

आखिरी सप्ताह संभवत: हंगामेदार रहेगा

लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर अगले हफ्ते होने वाली चर्चा के मद्देनजर संसद के मानसून सत्र का आखिरी सप्ताह संभवत: हंगामेदार रहेगा. सोमवार को सभी की निगाहें लोकसभा सचिवालय पर टिकी थी, क्योंकि ‘मोदी उपनाम’ मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय के स्थगनादेश की समीक्षा करना और उनकी संसद सदस्यता रद्द करने के संबंध में फैसला करना था. सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दिया है.

अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी संभवत: गुरुवार को अपना जवाब देंगे

चूंकि, लोकसभा के सदस्य के तौर पर गांधी को अयोग्य ठहराने का फैसला रद्द किया है, तो कांग्रेस की प्राथमिकता होगी कि मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गांधी विपक्ष की ओर से अहम वक्ता की भूमिका निभाएं. उधर, राज्यसभा में सोमवार को दिल्ली सेवा विधेयक लाया जाएगा. लोकसभा की कार्यमंत्रणा समिति ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित किया है और प्रधानमंत्री मोदी संभवत: गुरुवार को अपना जवाब देंगे. विपक्षी दल मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर संसद में प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं और इसके कारण 20 जुलाई से आरंभ हुआ संसद का मानसून सत्र हंगामेदार रहा है.

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