नयी दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में होने वाली टेंपरिंग को लेकर छिड़े तकरार के बीच निर्वाचन आयोग ने शनिवार को मशीन का डेमो करके दिखा दिया है. देश के सात राष्ट्रीय और राज्यों की 29 पार्टियों के प्रतिनिधियों के बीच यह प्रदर्शन किया है. दिल्ली नगर निगम में भाजपा के हाथों मिली करारी हार से तिलमिलाये मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके दल के लोग हार के पीछे ईवीएम में होने वाली गड़बड़ी को अहम कारण बता रहे हैं. वहीं, चुनाव आयोग मशीन सही साबित करने के लिए राजनीतिक दलों को खुली चुनौती देने की तैयारी में जुटा है. इसके पहले निवार्चन आयोग की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि वह शनिवार को चुनौती देने वाली तारीख की घोषणा करेगा.
Delhi: Election Commission gave a demonstration of polling process, with EVM and Voter-verifiable paper audit trail (VVPAT) pic.twitter.com/k5wpgq1eEq
— ANI (@ANI) May 20, 2017
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बीती 12 मई को इस मुद्दे पर बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक के बाद ईवीएम में टेंपरिंग किये जा सकने के तमाम राजनीतिक दलों के दावे को सही साबित करने का मौका देने की घोषणा की थी. आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक दलों को 29 मई के बाद जून के पहले सप्ताह में कभी भी ईवीएम में गड़बड़ी साबित करने की चुनौती दी जा सकती है. इसके लिए आयोग आज एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर खुली चुनौती की तारीख का ऐलान करेगा.
इस खबर को भी पढ़िये : EVM में गड़बड़ी : निकली सिर्फ कमल की पर्ची, EC ने मांगी रिपोर्ट DM और SP का ट्रांसफर
अधिकारी ने बताया कि आयोग की ओर से सभी सात राष्ट्रीय दल और 48 राज्य स्तरीय दलों को खुली चुनौती में हिस्सा लेने के लिए बुलाया जायेगा. इसके लिए आयोग चुनौती में शामिल होने के इच्छुक दल को हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के किसी भी मतदान केंद्र की मशीन के साथ छेड़छाड़ करने का विकल्प चुनने के लिए एक सप्ताह का समय देगा.
चुनौती स्वीकार करने वाले हर राजनीतिक दल को मशीन में गड़बड़ी करने का अपना दावा सही साबित करने के लिए अलग-अलग मौका दिया जायेगा. इस दौरान आयोग भविष्य में होने वाले सभी चुनाव वीवीपेट युक्त ईवीएम से कराने की भी आधिकारिक घोषणा करेगा. इससे पहले दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में वीवीपेट युक्त ईवीएम की कार्यप्रणाली का मीडिया के समक्ष सजीव प्रदर्शन किया जायेगा.
अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वीवीपेट युक्त ईवीएम से मतदान कराने की तैयारी करने का आदेश दिया था. इसके पालन को सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले ही इस साल के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी वीवीपेट युक्त ईवीएम से चुनाव कराने की तैयारी कर ली है.
उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने के लिए आयोग के पास लगभग 50 हजार वीवीपेट मशीनें पहले से मौजूद हैं. इस बीच आयोग ने मशीनों की खरीद प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है. जल्द ही इसके लिए निविदा जारी की जायेगी.