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मोदी की नयी स्कीम, भीम ऐप से जोड़ें किसी शख्स को, मिलेंगे दस रूपये

नागपुर : देश में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने आज भीम ऐप से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणा की. प्रधानमंत्री ने कहा, अगर आप किसी शख्स को भीम ऐप से जोड़ते हैं तो दस रुपये मिलेंगे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नागपुर में आयोजित कार्यक्रम में इस बात की घोषणा की. कैशलेस अर्थव्यवस्था […]

नागपुर : देश में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने आज भीम ऐप से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणा की. प्रधानमंत्री ने कहा, अगर आप किसी शख्स को भीम ऐप से जोड़ते हैं तो दस रुपये मिलेंगे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नागपुर में आयोजित कार्यक्रम में इस बात की घोषणा की. कैशलेस अर्थव्यवस्था की अहमियत बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कहा कि एक जमाना था, जब अंगूठा अनपढ़ होने की निशानी थी. आज अंगूठा ताकत का केंद्र बन चुका है. उन्होंने कहा कि आज कई लोग सवाल उठा रहे हैं लेकिन देर -सवेर लोग इसे अपनायेंगे ही. भ्रष्टाचार को लेकर लोगों के मन में आक्रोश है.

भीमराव आंबेडकर को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भीमरावआंबेडकरने अपने जीवन में कटुता झेली लेकिन कभी उसे प्रकट नहीं होने दिया. देश के करोड़ों दलित -वंचित सोचा करते थे कि क्या आजाद भारत में उनकी पूछ होगी. इन सारे सवालों का जवाब भीम रावआंबेडकर ने संविधान के माध्यम से दिया. आज अगर व्यक्ति कुछ करने की चाहत रखते है तो उसके पास अवसर उपलब्ध है. वो ताकत देने का काम बाबा साहेब ने किया. उस वक्त कई लोगों को अपने जीवन में अपमानित , प्रताड़ित, तिस्कृत होना पड़ता था. अगर इंसान छोटे मन का हो तो उसके मन में कटुता भर जाती थी. बाबा साहेब ने इतनी प्रताड़ना झेली लेकिन कभी इस कटुता को बाहर नहीं आने दिया.

प्रधानमंत्री ने शिवजी का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे शिवजी ने जहर पीकर अमृत लोगों को दिया वैसे ही बाबा साहेब ने जहर पीकर समाज पर अमृतवर्षा की. देश में स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहानागपुर में जो गंदा पानी है, उसका उपयोग बिजली बनाने के लिए होता है. मैं नितिन (गडकरी) जी को धन्यवाद देना चाहते हैं. उन्होंने ऐसा करके दिखाया है.

देश में महापुरूषों के बलिदान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा किहिन्दुस्तान का तिरंगा फहराने के लिए लोग फांसी के तख्ते पर चढ़ जाते थे. भारत माता को गुलामी से मुक्त कराने के लिए जेल में जवानी खपा देते थे. अनगिनत बलिदानों को परिणाम था कि भारत आजाद है. आजादी के दीवानों ने कुछ सपने देखे थे. उनको तो आजाद भारत में जीने का सौभाग्य नहीं मिला कि आजाद हिन्दुस्तान में सांस ले. हमें आजादी के लिए मरने का मौका नहीं मिला लेकिन देश के लिए जीने का मौका मिला. आज 2017 में हम ख़ड़े हैं, 2022 आने में पांच साल है. हम उनके सपने को पूरा करेंगे.

Prabhat Khabar Digital Desk
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