नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने देश की राजधानी दिल्ली में चिकुनगुनिया और डेंगू के मामले को लेकर सख्ती दिखाई है. मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार पर हलफनामा दाखिल नहीं करने के कारण कोर्ट ने 25,000 का हर्जाना लगाया है. दिल्ली सरकार की ओर से कोर्ट में स्वास्थ्य मंत्री के व्यस्त कार्यक्रम का हवाला दिया और कल तक का समय मांगा गया.
कोर्ट ने समय मांगने को लेकर नाराजगी जाहिर की और कल तक का समय देते हुए कहा कि ऐसे वक्त जब लोग मर रहे हैं, आपको समय नहीं मांगना चाहिए था. उल्लेखनीय है कि अफसरों पर काम रोकने का आरोप लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी. खुली कोर्ट में अधिकारियों का नाम बताने को कहा था, लेकिन आज हलफनामा दाखिल नहीं किया गया.
आपको बता दें कि कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में अधिकारियों का नाम दिए जाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था और कहा था कि जब आरोप खुली अदालत में लगाया गया है तो नाम भी खुली अदालत में लेने होंगे. पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार की ओर से मंत्री सतेंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था और कहा था कि अफसर जिम्मेदारी नहीं ले रहे है, साथ ही सारी फाइलें उपराज्यपाल के पास हैं और अफसर सहयोग नहीं कर रहे हैं. उपराज्यपाल सरकारी कामकाज में व्यवधान डाल रहे हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली में चिकनगुनिया और डेंगू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था और दिल्ली सरकार व सिविक एजेंसियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. वहीं केंद्र ने कोर्ट में कहा था कि अगर दिल्ली सरकार सही तरीके से चिकनगुनिया को रोकने में नाकाम रहती है तो इस काम के लिए केंद्र सरकार आगे बढेगी.