नयी दिल्ली : गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने ऐसा कदम उठाने का फैसला किया जिससे भाजपा की मुश्किलें बढ सकतीं हैं और वह विपक्ष के निशाने पर आ सकता है. इस वर्ष नवंबर में 75 वर्ष की होने जा रही आनंदीबेन ने नई पीढ़ी के लिए रास्ता बनाने के मकसद से अपना पद छोड़ने की इच्छा जताई है. ऐसा कदम देश में किसी अन्य मुख्यमंत्री की ओर से अभी तक नहीं उठाया गया है.
इस मामले को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. राहुल ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा है कि मोदी सरकार के 13 सालों की वजह से गुजरात जला ना कि आनंदीबेन के 2 सालों की वजह से. उन्हें बलि का बकरा बनाकर भाजपा बच नहीं पाएगी.
13 years of Modi rule, not 2 years of Anandiben are responsible for Gujarat burning. Sacrificing the scapegoat won't save the BJP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 2, 2016
वहीं दूसरी ओर लोग ये भी कयास लगा रहे हैं कि भाजपा ने 75 वर्ष की आयु पार करने वाले नेताओं को मंत्री या किसी अन्य महत्वपूर्ण पद पर बरकरार न रखने का फैसला किया था और आनंदीबेन ने इसी के मद्देनजर यह पेशकश की है.
गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री काल के बाद से आनंदीबेन के दो साल से ज्यादा की अवधि के दौरान इस बार पहली बार भाजपा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उसे नगर निकाय चुनाव में ग्रामीण इलाकों में पराजय का मुंह देखना पड़ा, पटेल समुदाय के ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जबरदस्त आंदोलन का गवाह बनना पड़ा और राज्य के ऊना में दलितों की पिटाई की घटना के बाद दलित ज्वार का सामना करना पड़ा.