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आसमानी आफत से उत्तराखंड बेहाल, लोग जान जोखिम में डालकर कर रहे हैं यात्रा

देहरादून : हिमालय के तराई क्षेत्रों में बीते कुछ दिनों के दौरान अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है. बादल फटने की घटना से कई जगह भूस्ख्‍लन की खबर है जिससे लोगों को जान जाखिम में डालकर यात्रा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. यहां जोशीमठ से हेमकुंड साहिब जाने […]

देहरादून : हिमालय के तराई क्षेत्रों में बीते कुछ दिनों के दौरान अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है. बादल फटने की घटना से कई जगह भूस्ख्‍लन की खबर है जिससे लोगों को जान जाखिम में डालकर यात्रा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. यहां जोशीमठ से हेमकुंड साहिब जाने वाले रास्ते में चट्टान टूटकर गिर गया है जिससे आवागन का रास्ता बंद है लोग जंगल के रास्ते यात्रा करने पर मजबूर हैं जहां उनकी जान को खतरा है.

उत्तराखंड में ज्यादातर नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. धारचूला (पिथौरागढ़) में नदी का बढ़ा पानी लगातार बढ रहा है. पिथौरागढ़ में बादल फटने से प्रभावित इलाकों में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने राहत अभियान में जुटी है. भूस्खलन के कारण गंगोत्री की ओर जाने वाला हाइवे बंद हो गया जिसके बाद बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन सड़क से मलवा हटाने में जुटी है.

मुख्‍यमंत्री रावत भी हैं चिंतित
इस आसमानी आफत के बाद उत्तराखंड के मुख्‍यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मैं आज जिला के अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा हूं, स्थिति ठीक है, घबराने की कोई जरूरत नहीं है. भूस्खलन के कारण जो सड़कें बाधित थीं उन्हें खोलने के लिए काम चल रहा है, जल्द खोल दिया जाएगा. भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित हुआ पिथौरागढ़ के बस्तड़ी में एनडीआरएफ, असम राइफल्स, आईटीबीपी, एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है. खबर है कि आज हरीश रावत भारी बारिश और बादल फटने के कारण प्रभावित हुए इलाके में चल रहे राहत कार्य पर समीक्षा बैठक कर रहे हैं.

तराई वाले भागों में भारी बारिश,नदियां ऊफान पर
उत्तराखंड से उप-हिमालयी के तराई भागों में बारिश के कारण नदियां ऊफान पर हैं और अगले 48 घंटे यहां भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. मौसम विभाग के आंकलन के अनुसार तराई वाले भागों में भारी बारिश होगी. उत्तराखंड के पिथौरागढ में शुक्रवार को बादल फटने की घटना से प्रभावित क्षेत्र में मलबे से कल तीन और शव बरामद किये गये जिससे राज्य में वर्षा संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 29 हो गयी.

अबतक 29 मौत
अतिरिक्त सचिव आपदा प्रबंधन सी रविशंकर ने बताया कि पिथौरागढ जिले से शुक्रवार रात नौ शव बरामद किए गए थे, जबकि तीन और शव शनिवार सुबह मलबे में से निकाले गए. उन्होंने कहा कि इससे पहले तीन शव चमोली से बरामद किए गए थे. छह लोग अब भी लापता है और उनके बचने की उम्मीद कम है. पिथौरागढ में शुक्रवार तडके बादल फटने की घटना कुल 12 लोगों की जान गयी थी जो बढकर 29 हो गई है. चमोली में लगातार हो रही वर्षा और अचानक आयी बाढ से तीन लोगों की मौत हो गयी. रविशंकर ने बताया कि पिथौरागढ के बस्तादी में नौ, नौलादा में दो और चरमा गांव में एक व्यक्ति की जान गयी है. चमोली के सिरजी में दो और वादुक गांव में एक व्यक्ति की जान गयी. इन दोनों प्रभावित जिलों में 21 लोग अभी तक लापता है जिनमें 15 पिथौरागढ और छह चमोली से हैं. इस आसमानी आफत में कई लोग घायल भी हुए हैं गंभीर लोगों को पिथौरागढ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

अगले 48 घंटे बरसेगी आफत

मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में नैनीताल, उधमसिंह नगर, चम्पावत, अल्मोडा, हरिद्वार, देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर एवं पिथौरागढ में भारी वर्षा की भविष्य वाणी की हैं. भागीरथी, अलखनंदा, मंदाकिनी एवं नंदाकिनी सहित राज्य भर की नदियों के किनारे बसे स्थानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है.

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