मुंबई: शहर में नौ अक्तूबर को होने वाला मशहूर पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया जिसपर सोशल साईट पर बहस चल रही है. वहीं खबर है कि पुणे में गुलाम अली का होने वाले एक और कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. यह कार्यक्रम 10 अक्टूबर को होने वाला था.
गुलाम अली हंगामा है क्यों बरपा… और चुपके चुपके रात दिन… जैसे गजल से लोगों के दिलों में राज करते हैं. एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए गुलाम अली ने कहा कि शो कैंसिल होने से मैं नाराज नहीं दुखी हूं. मैं आऊं या न आऊं मेरी आवाज को कोई रोक नहीं सकता हैं. आपको बता दें कि आयोजक रंधीर रॉय ने यह जानकारी गुरूवार को दी की गुलाम अली इस कार्यक्रम के लिए नहीं आ रहे हैं. शिवसेना ने कार्यक्रम को बाधित करने की धमकी देते हुए कहा था कि अगर यह कार्यक्रम हुआ तो इसे रोक दिया जायेगा.
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा है कि शिवसेना की धमकी के बाद पाकिस्तानी गायक गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द हो गया. भारत हिंदू सऊदी अरब बनता जा रहा है ? तस्लीमा नसरीन को जवाब देते हुए आज शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि वह अपने विरोध पर आज भी कायम है. देश की जनता भी नहीं चाहती है कि किसी पाकिस्तानी का कार्यक्रम भारत में हो. भारत के गायक और अभिनेताओं पर पाकिस्तान में रोक है तो भारत में हम क्यों इसका विरोध नहीं करे. उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर और अमिताभ बच्चन के पाकिस्तान जाने पर बैन है. इस बारे में क्यों कोई कुछ नहीं कहता है?
शिवसेना ने कहा है कि पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है. वहीं एक पाकिस्तानी गायक को यहां सुरक्षा दी जा रही है. सुरक्षा की जरुरत देश के नागरिकों को है.
वहीं सपा नेता और उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री आजम खान ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश कहां जा रहा है यह जनता देख रही है. इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुलाम अली के कार्यक्रम के आयोजन के लिए जगह देने की बात की है.