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कभी अलगावादी थे, आज मंत्री बने सज्जाद गनी लोन

जम्मू: कभी जम्मू-कश्मीर में अलगावाद का हिस्सा रहे सज्जाद गनी लोन ने आज मुख्य धारा की राजनीति में एक नया सफर तय करते हुए मंत्री पद की शपथ ली.करीब एक दशक पहले अलगावाद से नाता तोडने वाले सज्जाद पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता अब्दुल गनी लोन के बेटे हैं. अब्दुल गनी लोन की 21 मई, 2002 […]

जम्मू: कभी जम्मू-कश्मीर में अलगावाद का हिस्सा रहे सज्जाद गनी लोन ने आज मुख्य धारा की राजनीति में एक नया सफर तय करते हुए मंत्री पद की शपथ ली.करीब एक दशक पहले अलगावाद से नाता तोडने वाले सज्जाद पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता अब्दुल गनी लोन के बेटे हैं. अब्दुल गनी लोन की 21 मई, 2002 को श्रीनगर में हत्या कर दी गई थी.

लोन की इस नई कामयाबी से राज्य की अलगाववादी राजनीति पर असर पडने की उम्मीद है और आज यह उस वक्त स्पष्ट हो गया जब मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा कि लोन ने शुरुआत की और यह दूसरे अलगावादियों के लिए भी एक रास्ता है.

सज्जाद लोन का जन्म नौ दिसंबर, 1966 को हुआ था. वह अब्दुल गनी लोन के छोटे बेटे हैं.

उनके पिता की हत्या लोन के लिए निर्णायक मोड था. इसके बाद वह हुर्रियत कांफ्रेस में रहे लेकिन कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की ओर से उन पर आरोप लगाया कि 2002 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने छद्म उम्मीदवार खडे किए. इसको लेकर हुर्रियत में विभाजन हो गया.

वह अपने भाई बिलाल गनी लोन के साथ फरवरी, 2004 में हुर्रियत से अलग हो गए और पीपुल्स कांफ्रेस का अपना अलग धडा बनाया. पीपुल्स कांफ्रेस की स्थापना उनके पिता ने की थी.

साल 2008 में अमरनाथ भूमि विवाद के खत्म होने के ठीक बाद हुए विधानसभा चुनाव में भारी मतदान हुआ और यहीं से सज्जाद का दिमाग बदला. उन्होंने अलगाववादियों से अपनी रणनीति की समीक्षा की अपील की.

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