नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा के बारे में राहुल गांधी के बयानों को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जोर पकडता जा रहा है. दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर अपने हित के लिए सांप्रदायिक राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस ने जहां राहुल गांधी के समर्थन में आकर भाजपा पर राजनीतिक उद्देश्य से हालात का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया वहीं भाजपा ने राहुल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष का बयान उनकी पार्टी की सांप्रदायिक सोच दर्शाता है.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि दुर्भाग्य से केन्द्र में भाजपा की सरकार आने के बाद से इस तरह की धारणा मजबूत हो रही है कि सरकार सांप्रदायिक तनाव इस हद तक बढाना चाहती है कि वे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण का इस्तेमाल कर सकें.
खबरों के मुताबिक कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, ‘हमारे देश में खासकर उत्तर प्रदेश में कृत्रिम तरीके से और जानबूझकर सांप्रदायिक विवाद पैदा किये जा रहे हैं. यह इस देश की गरीब जनता को बांटने और भाई से भाई को लडाने की सोची-समझी साजिश है.’
उनके इस बयान पर पर्यावरण मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो कुछ हो रहा है वह कांग्रेस की वजह से हो रहा है जिसने दस साल तक समाजवादी पार्टी का समर्थन प्राप्त किया जो उत्तर प्रदेश सरकार चला रही है.