हैदराबाद : तेलंगाना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को महिला पशु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपियों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उनके शवों को नौ दिसंबर रात आठ बजे तक सुरक्षित रखने के निर्देश शुक्रवार को दिये.
उच्च न्यायालय ने यह आदेश मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को मिले एक प्रतिवेदन पर दिया, जिसमें घटना पर न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गयी थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि यह न्यायेतर हत्या है. उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि सभी आरोपियों के शवों का पोस्टमॉर्टम होने के बाद उसका वीडियो सीडी में अथवा पेन ड्राइव में महबूबनगर के प्रधान जिला न्यायाधीश को सौंपा जाये. अदालत ने महबूबनगर के प्रधान जिला न्यायाधीश के सीडी अथवा पेन ड्राइव लेने और उसे शनिवार शाम तक उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को सौंपने के निर्देश दिये. उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने कहा, हम आगे निर्देश देते हैं कि मुठभेड़ में मारे गये चारों मृतकों/आरोपियों/संदिग्धों के शवों को राज्य नौ दिसंबर शाम आठ बजे तक संरक्षित रखे. ऐसे में आरोपियों के शवों को परिवारों को नहीं सौंपा जायेगा.
पुलिस द्वारा किये गये एनकाउंटर पर सवाल भी उठ रहे हैं. जहां कुछ लोग इसे रेप पीड़िता के लिए त्वरित न्याय बता रहे हैं, वहीं कुछ लोंगों ने इसे न्यायेतर हिंसा बताया है. पुलिस ने एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों पर कहा कि हम एनएचआरसी, राज्य सरकार या किसी भी अन्य संगठन के जो भी सवाल हैं, उनका जवाब देने के लिए तैयार हैं. साथ ही पुलिस कमिश्नर ने सोशल मीडिया या अन्य माध्यम पर पीड़िता की पहचान उजागर नहीं करने की अपील की.