नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कश्मीर पर उनके रुख को लेकर यह कहते हुए प्रहार किया कि उन्होंने ‘राजनीतिक नौसिखिये’ की तरह बर्ताव किया है.
केंद्र द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को खत्म करने की घोषणा करने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में मलिक ने कांग्रेस से कश्मीर मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा. कश्मीर में कथित हिंसा पर गांधी के बयान के बारे में पूछे जाने पर राज्यपाल ने कहा, राहुल गांधी देश के प्रतिष्ठित परिवार से हैं, लेकिन उन्होंने रानजीतिक नौसिखिये की तरह बर्ताव किया है. उसका (उनके बयान का) नतीजा है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को लिखे अपने पत्र में उनके बयान का जिक्र किया है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. पिछले हफ्ते गांधी ने कश्मीर की स्थित को लेकर सरकार पर हमला किया था और कहा था कि विपक्ष एवं प्रेस को ‘निष्ठुर प्रशासन’ का स्वाद चखने को मिला. उनका इशारा उस घटना की तरफ था जब उन्हें और अन्य नेताओं को कश्मीर घाटी में जाने से रोक दिया गया. इस प्रतिनिधिमंडल के साथ गये पत्रकारों को भी दिल्ली से श्रीनगर पहुंचने पर हवाई अड्डे से बाहर नहीं जाने दिया गया.
बुधवार को कांग्रेस नेता ने पाकिस्तान पर जम्मू कश्मीर में हिंसा उकसाने का आरोप लगाया था. उनके इस बयान को इस खबर के बाद नुकसान भरपाई के तौर पर देखा गया कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को दी गयी याचिका में उनके पिछले हफ्ते के बयान का हवाला दिया था. राज्यपाल ने कहा, मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए लेकिन जब चुनाव आयेंगे तो विरोधियों को बस इतना कहने की जरूरत होगी कि वे (कांग्रेस पार्टी के लोग) अनुच्छेद 370 के हिमायती हैं तो लोग उन्हें जूते से पीटेंगे. उन्होंने कहा कि गांधी को उस दिन बोलना चाहिए था जब संसद में उनकी पार्टी के नेता कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र से जोड़ रहे थे. मलिक ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर इशारा करते हुए कहा, यदि राहुल गांधी नेता थे तो उन्हें उनको रोकना चाहिए था, उन्हें फटकार लगानी चाहिए थी और यह कहना चाहिए था कि कश्मीर पर उनकी पार्टी का यह रुख है. उन्होंने अब तक कश्मीर पर रुख साफ नहीं किया है.