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आखिर क्यों सुनंदा पुष्कर से छिन गयी जिंदगी?

-प्रभात खबर डॉट कॉम- सुनंदा पुष्कर, जिसने अपनी संदेहास्पद मौत से एक दिन पहले अपने पति केंद्रीय शशि थरूर पर यह आरोप लगाया था कि उसने उसके साथ विश्वासघात किया है, वह 17 जनवरी को दिल्ली के होटल में मृत पायी गयी. उस वक्त केरल में थरूर के विरोधियों ने इस बात को लेकर खूब […]

-प्रभात खबर डॉट कॉम-

सुनंदा पुष्कर, जिसने अपनी संदेहास्पद मौत से एक दिन पहले अपने पति केंद्रीय शशि थरूर पर यह आरोप लगाया था कि उसने उसके साथ विश्वासघात किया है, वह 17 जनवरी को दिल्ली के होटल में मृत पायी गयी. उस वक्त केरल में थरूर के विरोधियों ने इस बात को लेकर खूब हंगामा किया था कि वे अपनी पत्नी के हत्यारे हैं और वे अपनी पत्नी के साथ मारपीट करते थे.

सुनंदा पोस्टमार्टम:डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने कहा,‘‘जो कहा,मैं उस पर कायम हूं.’’

उस वक्त सुनंदा पुष्कर की मौत का मामला काफी सुर्खियों में रहा. लेकिन कुछ दिनों बाद हम सभी इस प्रकरण को भूल गये और यह भी भूल गये कि आखिर क्यों सुनंदा पुष्कर ने आत्महत्या की या फिर क्यों उनकी हत्या की गयी. लेकिन भला हो एम्स के फोरेंसिक डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉ सुधीर गुप्ता का, जिन्होंने हमें एक बार फिर सुनंदा पुष्कर की याद दिला दी.

सुनंदा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के लिए डाला गया था दबाव

डॉ सुधीर गुप्ता का कहना है कि सुनंदा की मौत के बाद उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट को बदलने के लिए और उनकी मौत को प्राकृतिक बताने के लिए उनपर दबाव बनाया गया था और यह दबाव उनके पति और स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद की ओर से था.प्राप्त जानकारियों के अनुसार डॉ गुप्ता की फोरेंसिक डिपार्टमेंट के अध्यक्ष पर नियुक्ति 2013 में की गयी थी. हालांकि उनकी नियुक्ति में कुछ पेच है, क्योंकि डॉ ओपी मूर्ति को दरकिनार करके डॉ गुप्ता की नियुक्ति हुई थी.

सुनंदा के शरीर पर थे चोट के कई निशान

सुनंदा पुष्कर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह कहा गया है कि उनकी मौत दवाइयों के ओवरडोज के कारण हुई है. हालांकि डॉ गुप्ता पर रिपोर्ट बदलने के लिए दबाव बनाया गया था. शवपरीक्षण की रिपोर्ट में सुनंदा के दोनों हाथों पर एक दर्जन से भी ज्यादा चोट के निशानों और गाल पर रगड़ की बात कही गयी थी, जो किसी भोथरी वस्तु के उपयोग की ओर इशारा करती है. इसके अलावा उनकी बाईं हथेली पर दांत से काटने का गहरा निशान था.

एम्स में शवपरीक्षण के बाद उनके विसरा नमूनों को सुरक्षित रख लिया गया था और इन्हें आगे के परीक्षण के लिए सीएफएसएल के पास भेज दिया गया था. पुलिस के अनुसार, सीएफएसएल रिपोर्ट में दवा विषाक्तता (ड्रग पॉयजनिंग) के संकेत दिए गए थे लेकिन ये नतीजे उतने निर्णायक नहीं थे कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा सके.

कल एम्स ने डॉ गुप्ता के बयान को खारिज किया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के लिए किसी तरह का दबाव डाला गया था. लेकिन इन सब के बीच एक बात का जवाब अभी तक नहीं मिल पा रहा है कि आखिर किसने और क्यों सुनंदा पुष्कर से छिन ली जिंदगी.

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