नयी दिल्ली : राफेल विमान सौदे पर शुक्रवार को आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग दोहराते हुए कहा कि जेपीसी जांच से ही इस मामले में ‘भ्रष्टाचार की सभी परतें’ खुलेंगी. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जेपीसी की जांच से क्यों डर रहे हैं?
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमने पहले ही कहा था कि सुप्रीम कोर्ट राफेल के भ्रष्टाचार की जांच नहीं कर सकता, क्योंकि नियमों के तहत उसका दायरा सीमित है. इसलिए हमने कोर्ट का रुख नहीं किया था. कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में भ्रष्टाचार की कई परते हैं. इसकी छानबीन सिर्फ जेपीसी से जांच से हो सकती है. इसमें तथ्य और साक्ष्य दोनों की छानबीन होनी है.
सुरजेवाला ने कहा कि हम प्रधानमंत्री को चुनौती देते हैं कि आप जेपीसी से जांच करायें. आप जेपीसी की जांच से क्यों डर रहे हैं? उन्होंने कहा कि इस सवालों का जवाब मिलना चाहिए कि 42 हजार करोड़ रुपये का चूना कैसे लगा? 30 हजार करोड़ रुपये का ठेका रिलायंस को कैसे दिया गया? सुरक्षा मामले की कैबिनेट समिति की अहवेलना क्यों की गई? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को आधी-अधूरी और एक-तरफा जानकारी दी है. सुरजेवाला ने दावा किया कि कहा कि यहां दाल में काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है.
सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदी के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी. साथ ही, शीर्ष अदालत ने सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है.
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारी मांग संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की थी, यह अब भी जारी है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मूल्य निर्धारण के मुद्दे पर कहा कि वह इस पर कोर्इ टिप्पणी नहीं करना चाहता, क्योंकि यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गृहमंत्री राफेल सौदे की याचिका पर दिये गये फैसले पर आधी-अधूरी बात कर रहे हैं.
इसके अलावा, फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद मामले में सरकार को सुप्रीम कोर्ट की क्लीन चिट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि अदालत का फैसला पार्टी के लिए झटका नहीं है. उन्होंने कहा कि यह जनता की अदालत में अब भी कायम है और कांग्रेस इसे संसद में उठाना जारी रखेगी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला झटका नहीं है, क्योंकि राफेल सौदा जनता की अदालत में अब भी कायम है. पार्टी इस विषय को संसद में उठाना जारी रखेगी. संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में उठाती रही है और इसकी जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग कर रही है.