नयी दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने आपातकालीन सेवाओं में रोगियों की देखभाल की प्रारंभिक प्रक्रिया में सुधार की मांग की और सुझाव दिया कि रेजिडेंट डॉक्टर एवं नर्सों की पूर्णकालिक तैनाती हो जो देख सकें कि रोगियों को समय पर चिकित्सा उपलब्ध करायी जा रही है.
उन्होंने कहा, रेजिडेंट डॉक्टर एवं नर्स की वहां (आपातकालीन वार्ड में) पूर्णकालिक तैनाती की जा सकती है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि रोगियों की शुरुआती देखभाल अच्छे तरीके से हो रही है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रबंधन, चिकित्सकों और नर्सों से बात करते हुए मंत्री ने उम्रदराज रोगियों के लिए एकल खिडकी पंजीकरण की सलाह दी ताकि उनके खून की जांच, सीटी स्कैन और एमआरआई की जांच एक ही जगह पर हो सके.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि वर्द्धन ने कई रोगियों और उनके परिजनों से बात की और ओपीडी में चिकित्सकों द्वारा रोगियांे के उपचार के लिए प्रतीक्षा समय के बारे में जाना. मंत्री ने कहा कि रोगियों के लिए प्रतीक्षा समय को कम किए जाने की जरूरत है जिन्हें किसी विशेष दिन पर चिकित्सकों से मिलने का समय नहीं मिलता और उनके लिए अगले दिन का समय तय किया जाये.
वर्र्द्धन ने कहा कि इससे रोगियों और उनके रिश्तेदारों पर ओपीडी के प्रतीक्षा समय का दबाव कम होगा.उन्होंने चिकित्सकों और नर्सों को रोगियों के साथ सहृदयता से पेश आने की सलाह दी और कहा कि प्रभावी चिकित्सा के लिए सौम्य संवाद आवश्यक है.विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून को हरित एम्स बनाने के अभियान की घोषणा की समीक्षा के लिए उन्होंने एम्स का दौरा किया.