हिसार (हरियाणा) : हरियाणा की एक अदालत ने स्वयंभू बाबा रामपाल और उसके 13 अनुयायियों को हत्या के दूसरे मामले में बुधवार को उम्र कैद की सजा सुनाई. हिसार में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अदालत ने रामपाल (67) और उसके अनुयायियों को 19 नवंबर 2014 को बरवाला पुलिस थाना में दर्ज मामले में यह […]
हिसार (हरियाणा) : हरियाणा की एक अदालत ने स्वयंभू बाबा रामपाल और उसके 13 अनुयायियों को हत्या के दूसरे मामले में बुधवार को उम्र कैद की सजा सुनाई. हिसार में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अदालत ने रामपाल (67) और उसके अनुयायियों को 19 नवंबर 2014 को बरवाला पुलिस थाना में दर्ज मामले में यह सजा सुनाई. इन लोगों पर हत्या, लोगों को जबरन बंधक बना कर रखने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप थे.
गौरतलब है कि 19 नवंबर 2014 को हिसार जिला स्थित रामपाल के आश्रम में एक महिला मृत पाई गई थी . रामपाल को हत्या एवं अन्य आरोपों को लेकर उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था. अदालत ने इंजीनियर से स्वयंभू बाबा बने रामपाल और उसके 14 अनुयायियों को मंगलवार को एक अन्य मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. गौरतलब है कि हिसार स्थित आश्रम में हत्या एवं जबरन बंधक बना कर रखने सहित अन्य अपराधों के सिलसिले में अदालत ने दो अलग मामलों में रामपाल और उसके कुछ अनुयायियों को 11 अक्टूबर को दोषी ठहराया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीआर चलिया ने बुधवार को प्रत्येक दोषी पर 2.05 लाख रूपया का जुर्माना भी लगाया.
अदालत ने पहले मामले में सजा मंगलवार को सुनाई थी. यह घटना 18 नवंबर 2014 की है. इस घटना के तहत हिसार स्थित आश्रम में चार महिलाओं और एक बच्चे की मौत् हो गई थी. रामपाल एवं अन्य की पैरवी कर रहे अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि सत्र अदालत के फैसले को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी जायेगी. मामले में फैसला चार साल चली सुनवाई के बाद आया है.
यह मुकदमा हिसार स्थित केंद्रीय कारागार में एक अस्थायी अदालत में चला. वहां रामपाल और उसके अनुयायियों को गिरफ्तारी के बाद से कैद रखा गया है. रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ दोनों मामले 19 नवंबर 2014 को बरवाला पुलिस थाना में दर्ज किए गए थे. सजा सुनाए जाने से पहले हिसार जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा लगाई थी, जो 17 अक्टूबर तक प्रभावी है. स्वयंभू बाबा बनने से पहले रामपाल हरियाणा सरकार के विभाग में 15 साल तक जूनियर इंजीनियर रहा था.