जोधपुर : राजस्थान उच्च न्यायालय ने असाराम यौन उत्पीड़न मामले में शनिवार को एक सह आरोपी की सजा निलंबित करते हुए उसे जमानत दे दी. न्यायमूर्ति विजय विश्नोई ने आरोपी संचिता गुप्ता उर्फ शिल्पी को राहत प्रदान करते हुए दो लाख रूपये के मुचलके और एक-एक लाख रुपये की दो जमानती राशि पर जमानत दे दी.
आरोपी के वकील महेश बोरा ने कहा, उसने उच्च न्यायालय में अपनी सजा को चुनौती दी थी. अपील पर बहस बुधवार को पूरी हो गयी और अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था. वकील ने अदालती आदेश का हवाला देते हुए बताया कि उच्च न्यायालय ने कहा कि अभियोजन ऐसे साक्ष्य पेश करने में नाकाम रहा कि जिससे साबित हो कि संचिता गुप्ता ने पीड़ित लड़की और उसके अभिभावकों को जोधपुर में मुख्य आरोपी आसाराम में आश्रम में भेजा था.
बोरा ने कहा, उच्च न्यायालय में लंबित अपील के अंतिम निपटारे तक सजा निलंबित रहेगी. उसे अपील के निपटारे तक साल में एक बार जनवरी में निचली अदालत में पेश होना होगा.