नयी दिल्ली: लालकिले के पास जामा मस्जिद बस स्टॉप से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने परवेज (24) और जमशेद नाम के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है. इनकी गिरफ्तारी गुरुवार की रात हुई. दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा द्वारा गिरफ्तार संदिग्ध आतंकवादियों में शामिल जमशेद जहूर पॉल ने कहा, ‘‘हम पूरे विश्व में कट्टरपंथ का प्रसार करना चाहते हैं. जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर इस्लामिक स्टेट के साथ कथित संबंध को लेकर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था.
जांचकर्ताओं ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के रहने वाले दोनों संदिग्ध आतंकवादी अत्यधिक कट्टर हैं और उनके पास से जब्त किये गए फोन में वीडियो हैं. उन्होंने कहा कि कुछ नोटबुक भी जब्त किये गये हैं, जिनकी पुलिस जांच कर रही है.
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पुलिस उपायुक्त (विशेष शाखा) प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि लोन ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा से 2016 में सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था और राज्य के गजरौला से एमटेक कर रहा था. डीसीपी ने बताया कि सितंबर 2016 में उसका भाई फिरदौस हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ा और उसके बाद आईएसजेके में शामिल हो गया था. उन्होंने बताया कि इस साल जनवरी में जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में फिरदौस मारा गया था.
पुलिस ने बताया कि फिरदौस पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित था. उन्होंने बताया कि छोटे भाई के मारे जाने से बुरी तरह प्रभावित होकर लोन आईएसजेके से जुड़ गया. पॉल जम्मू-कश्मीर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के अंतिम वर्ष का छात्र है. पुलिस ने बताया कि अप्रैल, 2017 में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी सबजर भट्ट को दफनाए जाने के समय पॉल की मुलाकात तराल के रहने वाले शौकत से हुई थी. शौकत का रिश्तेदार सैय्यद ओवैसी शफी (जो बाद में एक मुठभेड़ में मारा गया) उस समय एक सक्रिय आतंकी था.
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शफी ने ही पॉल की पहचान आईएसजेके के वर्तमान प्रमुख आसिफ उर्फ उमर इब्न नजीर से करायी थी. अधिकारी ने बताया कि पॉल पिछले आठ माह से इन्क्रिप्टेड मोबाइल मैसेजिंग ऐप के जरिये आसिफ से नियमित संपर्क में था. पॉल और लोन इस वर्ष आईएसजेके से जुड़े थे और उत्तर प्रदेश से दिल्ली में हथियारों की तस्करी में शामिल थे.