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बदायूं दुष्‍कर्म मामला:चौतरफा घिरी अखिलेश सरकार,पीड़ित के परिजनों से मिले राहुल गांधी

नयी दिल्ली/लखनऊ/संयुक्त राष्ट्र:उत्तर प्रदेश में बदायूं के कटरा गांव में पिछड़ी जाति की दो लड़कियों से कथित सामूहिक बलात्कार मामले की सीबीआइ जांच करायी जायेगी. इस मामले में बुरी तरह घिरने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को यह घोषणा की. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार […]

नयी दिल्ली/लखनऊ/संयुक्त राष्ट्र:उत्तर प्रदेश में बदायूं के कटरा गांव में पिछड़ी जाति की दो लड़कियों से कथित सामूहिक बलात्कार मामले की सीबीआइ जांच करायी जायेगी. इस मामले में बुरी तरह घिरने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को यह घोषणा की. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार से मामले की रिपोर्ट मांगी. वहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीड़िता के परिजनों से बदायूं जाकर मुलाकात की और इस बात से सहमति जतायी कि मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए. संयुक्त राष्ट्र ने भी मामले को जघन्य अपराध करार दिया है. इस बीच, लड़कियों के परिजनों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया और मांग की कि आरोपियों को सरेआम फांसी पर लटकाया जाये. इस मामले में अब तक एक कांस्टेबल समेत सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. दो पुलिसवालों को आपराधिक साजिश रचने के मामले में बरखास्त कर दिया गया है.

पुलिस ने शुक्रवार रात और शनिवार तड़के दो और अभियुक्तों को पकड़ा. पुलिस ने बताया कि वारदात के आरोपी हेड कांस्टेबल छत्रपाल यादव को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया गया, जबकि पांचवें आरोपी सर्वेश यादव को शनिवार तड़के. इस तरह मामले के सभी पांच प्रमुख अभियुक्त हेड कांस्टेबल छत्रपाल, कांस्टेबल सर्वेश यादव तथा गांव के दबंग पप्पू यादव, अवधेश यादव और सर्वेश यादव पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं. प्रकरण में कुल सात अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. दो अज्ञात हैं. आरोपियों पर बलात्कार और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में चौकी प्रभारी राम विलास यादव को लापरवाही के आरोप में निलंबित किया गया है.

उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा सादतगंज क्षेत्र में मंगलवार की रात शौच के लिए गयी 14 तथा 15 साल की चचेरी बहनों के शव अगले दिन सुबह एक बाग में पेड़ पर लटकते पाये गये थे. घटना से गुस्साये ग्रामीणों ने आठ घंटे के बाद समुचित कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद पुलिस को पेड़ से लड़कियों के शव उतारने दिये. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर लटकाये जाने से मौत की पुष्टि हुई थी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए पीड़ित परिजन को पूरी सुरक्षा देने तथा पांच-पांच लाख रुपये की मदद की घोषणा की थी. इससे पूर्व, प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. मायावती ने कहा कि यह घटना प्रदेश में व्याप्त जंगलराज का सबूत है. सरकार कानून व्यवस्था कायम करने में पूरी तरह से असफल हो चुकी है.

पीड़ित के पिता की मांग
आरोपियों को सरेआम फांसी पर लटका देना चाहिए किशोरियों के परिजन ने इस घटना को दिल्ली बलात्कार कांड से भी जघन्य वारदात करार देते हुए कहा है कि आरोपियों को सारी दुनिया के सामने फांसी पर लटका देना चाहिए. वारदात की शिकार लड़कियों में से एक के पिता ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि जिस तरह सारी दुनिया ने हमारी मासूम बेटियों को फांसी पर लटकते देखा, उसी तरह दुनिया उनके गुनहगारों को भी फांसी से लटकते देखे. उन्हें सरेआम फांसी पर लटका देना चाहिए.’ पहले से ही बिजली संकट और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर आरोपों से चौतरफा घिरी प्रदेश की सपा सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए लड़की के पिता ने कहा कि उन्हें राज्य सरकार के वादों और घोषणाओं पर भरोसा नहीं.

पीड़ित परिजनों से मिले राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बदायूं में शनिवार को बलात्कार पीड़ित दोनों लड़कियों के परिजनों से मुलाकात की और सीबीआइ जांच की मांग से सहमति जतायी. कहा कि महिलाओं की इज्जत की कीमत नहीं आंकी जा सकती पीड़ितों को न्याय की जरूरत है. राहुल ने परिजन से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने परिवार से बात की है. लड़कियों के पिताओं ने मुझसे कहा है कि क्षतिपूर्ति से हमारा कुछ नहीं होनेवाला. हमारी जो बच्चियां है, उनकी इज्जत है, वह पैसे से वापस नहीं मिलेगी. उनका कहना है कि वह न्याय चाहते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘सीबीआइ जांच से भी ज्यादा जरूरी यह है कि न्याय मिलना चाहिए. जिन्होंने यह गलत काम किया है, उन्हें पता लगना चाहिए कि हिंदुस्तान में ऐसा काम नहीं किया जा सकता.’ राहुल के साथ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शोभा ओझा और पार्टी प्रांतीय अध्यक्ष निर्मल खत्री भी थे.

भयानक अपराध

संयुक्त राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र ने इस वारदात को भयानक अपराध करार दिया है. उसने जोर देकर कहा है कि कानून के तहत सभी नागरिकों की रक्षा होनी चाहिए. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता स्टीफन डुआरिक ने कहा कि ऐसी घटनाओं पर कहने के लिए कुछ शब्द नहीं मिल रहा. निश्चित तौर पर यह एक भयानक घटना है. हर पुरु ष, हर महिला की कानून द्वारा रक्षा होनी चाहिए.

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