पीएम मोदी बोले, सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं कांग्रेस का फोर्स टेस्ट
नयी दिल्ली : मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के पहला अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है. शुक्रवार को प्रस्ताव पर दिन भर हुई चर्चा के बाद इस पर वोटिंग करायी गयी. पक्ष में 126 वोट पड़े, जबकि विरोध में 325 वोट पड़े. इस तरह 199 वोटों से प्रस्ताव गिर गया.
इससे पहले प्रस्ताव पर लोकसभा में करीब 11 घंटे की चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव एक प्रकार से हमारे लोकतंत्र की शक्ति का परिचायक है.
प्रस्ताव पर इतनी जल्दी चर्चा पर मैं हैरान हूं. दरअसल, अविश्वास प्रस्ताव सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं, कांग्रेस का फोर्स टेस्ट है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जुमला स्ट्राइक वाले बयान पर कहा कि गाली देनी हो तो मोदी को दीजिए, सेना के सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक कहना देश स्वीकार नहीं करेगा.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज करते हुए कुछ लोग कहते हैं कि संसद में 15 मिनट बोलने दिया जाये, तो पीएम मोदी खड़े नहीं हो पायेंगे, लेकिन मैं खड़ा भी हूं और चार साल के अपने काम के बल पर अड़ा भी हूं.
ऐसे में लोगों को समझना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता जनार्दन होती है. पीएम मोदी ने विपक्ष की ओर से उठाये गये मुद्दों का एक-एक कर जवाब दिया. राहुल गांधी की ‘गले लगने’ पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें खुद पर भरोसा ही नहीं है. महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यहां मैं पीएम बनूंगा का ट्रायल चल रहा है. राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी जय-पराजय का फैसला भी नहीं हुआ था, लेकिन कुछ लोगों को यहां पहुंचने की जल्दी थी. वह मुझे उठाने की कोशिश कर रहे थे, उठो-उठो.., लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि न कोई मुझे यहां से उठा सकता है और न बिठा सकता है.
देश की 125 करोड़ लोगों को मुझमें भरोसा है. इसलिए सभी सदस्यों से आग्रह करूंगा कि इस प्रस्ताव को खारिज करें और तीस साल के बाद देश में पूर्ण बहुमत के साथ बनी हुई सरकार ने जिस गति से काम किया, उस पर फिर से विश्वास प्रकट करें.
आंख डालने पर क्या हुआ प्रणब दा के साथ : पीएम ने राहुल के आंख में आंख में बयान पर कहा कि सही है, हम कौन होते हैं जो आपकी आंख में आंख डाल सके, गरीब मां का बेटा, पिछड़ी जाति में पैदा हुआ, आप नामदार हैं, हम कामगार हैं. आपकी आंख में आंख डालने की हिम्मत मुझमें नहीं है. सुभाष चंद्र बोस, मोराराजी देसाई, जयप्रकाश नारायण, सरदार वल्लभ भाई पटेल, प्रणब मुखर्जी के साथ आपने क्या किया गया?
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर अपना भाषण पूरा करने के बाद राहुल के आंख मारने की हरकत पर भी पीएम ने तंज कसा. आंख की हरकत को पूरा देश देख रहा था. आंखों की बात करने वालों की आंखों की हरकतें, आंख मार रहे थे. चौकीदार व भागीदार को लेकर राहुल के तंज पर पीएम मोदी ने कहा कि हम दोनों हैं, लेकिन हम आपकी तरह सौदागर नहीं हैं. ठेकेदार नहीं हैं.
कांग्रेस को खुद पर अविश्वास : पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा कि ये अविश्वास से घिरे हुए हैं. यही उनकी पूरी कार्यशैली का हिस्सा है. स्वच्छ भारत, योग दिवस, देश के मुख्य न्यायाधीश, आरबीआइ, चुनाव आयोग, इवीएम पर इनको विश्वास नहीं है.
सच तो यह है कि कांग्रेस को अपने पर विश्वास नहीं है. राहुल द्वारा डोकलाम पर उठाये सवाल परकहा कि इस मुद्दे पर जब सरकार आगे बढ़ रही थी तब चीन के राजदूत के साथ कौन बैठे थे. क्या हर जगह बचकाना हरकत करते रहेंगे. राफेल डील में राहुल गांधी के घपले के आरोप पर कहा कि मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि सत्य को इस प्रकार से कुचला जाता है.
सोनिया पर भी पीएम का हमला : पीएम मोदी ने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी पर भी बिना नाम लिए हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा अविश्वास कांग्रेस की फितरत है. कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव का दुरुपयोग किया है. मैंने अखबारों में पढ़ा कि कौन कहता है कि हमारे पास नंबर नहीं है. यह अहंकार देखिए, 1999 में खड़े होकर दावा किया गया था. 272 की संख्या है और हमारे साथ और भी जुड़ने वाले हैं और अटल जी की सरकार को सिर्फ एक वोट से गिरा दिया था. 272 का जो दावा किया था वह खोखला निकला, देश पर चुनाव थोपे गये.
आंध्र को स्पेशल स्टेट्स पर जवाब : पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेट के दर्जे पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जोर और जुल्म के बीच आंध्र और तेलंगाना का विभाजन किया. उस समय मैंने यह कहा था कि तेलुगू हमारी मां है. तेलुगू के स्प्रिट को टूटने नहीं देना चाहिए. कांग्रेस की वजह से तेलंगाना विवाद पैदा हुआ. कांग्रेस ने भारत-पाकिस्तान का विभाजन किया और आज भी हम मुसीबत झेल रहे हैं.
भाषण के बाद पीएम से गले मिले राहुल, संसद में पहली बार हुआ ऐसा
48 मिनट तक सरकार को घेरा, फिर पीएम से जाकर लिपटे और सीट पर मारी आंख
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के व्यवहार ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया. 48 मिनट तक सरकार पर अनेक मुद्दों पर तीखे हमलों के बाद राहुल अचानक अपनी जगह से उठ कर सीधे सत्ता पक्ष की तरफ पहुंचे और पहली पंक्ति में बैठे पीएम नरेंद्र मोदी को गले लगा लिया.
अचकचाए से पीएम मोदी ने भी प्रतिक्रिया देने में देर नहीं की. राहुल जब जाने लगे, तो वापस बुलाया और उनकी पीठ थपथपाई. फिर कान में कुछ कहा भी. सीट पर वापस आने के बाद राहुल ने कहा कि हिंदू होने का यही अर्थ है. अपनी सीट पर बैठने के बाद राहुल आंख से इशारा करते भी नजर आये.
इस दौरान उनकी मां सोनिया गांधी और पार्टी के नेताओं ने मेजें थपथपाकर उनकी सराहना की. संभवत : यह पहला मौका है, जब किसी विपक्षी नेता ने सदन में प्रधानमंत्री को गले लगाया हो.
इससे पहले चर्चा के दौरान राहुल ने कई बार ऐसी बातें कहीं, जिससे लोकसभा में ठहाके लगे. एक बार पीएम मोदी की विदेश यात्रा का जिक्र करते हुए ‘बाहर’ की जगह कथित तौर पर ‘बार’ शब्द का इस्तेमाल किया.
फिर अंग्रेजी में समझाते हुए कहा कि मतलब एब्रॉड यानी जब पीएम ओबामा, ट्रंप आदि से मिलने जाते हैं. पीएम मोदी समेत तमाम भाजपा नेता उनके इस बयान पर हंसने लगे. एक बार कहा कि आप मुझे ‘पप्पू’ कह लो, मैं न आपसे नफरत करूंगा और न ही भाजपा से.
अपने भाषण में राहुल ने पीएम मोदी पर कई बार तंज भी कसा. राहुल ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री, भाजपा और आरएसएस का दिल से आभारी हूं कि इन्होंने मुझे कांग्रेस का, हिंदुस्तानी होने का, हिंदू होने का मतलब सिखाया. हिंदुस्तानी का मतलब-आपको कोई भी कुछ भी कहे, गाली दे, झूठ बोले, लाठी मारे फिर भी दिल में उसके लिए प्यार होना चाहिए.
मैं इसके लिए अंदर से पीएम मोदी व आरएसएस का धन्यवाद करना चाहता हूं. आप चाहे कितनी भी गाली दे लो, लेकिन मेरे अंदर आपके प्रति प्रेम है. आप मुझे कितना भी पप्पू कह लो, मैं आपसे नफरत नहीं प्रेम करूंगा. मैं कांग्रेस हूं और यही कांग्रेस की भावना है.
यह भावना आपके अंदर भी है और मैं आप सबके अंदर से इस भावना को निकालूंगा और आप सबको कांग्रेस में बदलूंगा. राहुल ने मॉब लिंचिंग, रोजगार, 15 लाख रुपये के वायदे, नोटबंदी, जीएसटी, किसानों की बदहाली और महिला सुरक्षा को लेकर सरकार को घेरा और कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री की ‘जुमला स्ट्राइक’ से परिचित हो गया है.
राफेल डील में भ्रष्टाचार : मोदी चौकीदार नहीं, भागीदार
राफेल लड़ाकू विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम के दबाव में निर्मला सीतारमण ने लोगों से झूठ बोला. सवाल है कि इसमें किसकी मदद की जा रही है? निर्मला जी, पीएम जी , कृपया देश को बताएं. उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि गोपनीय समझौते की वजह से राफेल डील का ब्योरा नहीं दे सकते हैं. वहीं, फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने मुझसे कहा कि इस तरह का कोई समझौता नहीं हुआ. राहुल ने कटाक्ष किया कि प्रधानमंत्री ने चौकीदार बनने का वायदा किया था , लेकिन वह भागीदार बन चुके हैं.
दावे को फ्रांस ने नकारा
फ्रांस सरकार ने राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दोनों देशों में सूचना गोपनीय रखने का करार है. इसलिए भारत सरकार ने सही कहा है कि इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है.
राहुल ने मुस्कुराने का जिक्र किया, भड़कीं हरसिमरत
यह संसद है, मुन्ना भाई की पप्पी-झप्पी एरिया नहीं
अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण पर अकाली दल की सांसद और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर भड़क उठीं. उन्होंने कहा कि यह संसद है. मुन्ना भाई पप्पी-झप्पी एरिया नहीं है.
दरअसल, राहुल ने भाषण के दौरान कहा था कि सदन स्थगित होने के दौरान भाजपा के कई सांसदों ने मेरे भाषण की तारीफ की. वह देखिए अकाली दल की सांसद तो हमें देखकर मुस्कुरा रही हैं. राहुल की इसी बात पर हरसिमरत भड़क उठीं. कौर ने कहा कि मैं मुस्कुरा इसीलिए रही थी कि पंजाब चुनाव के दौरान इन्होंने कहा था कि वहां की 70 फीसदी आबादी नशेड़ी है, तो मैं इशारा कर पूछ रही थी कि आज क्या है.
स्पीकर ने सदन की गरिमा का िदया हवाला
ऐसा बर्ताव बर्दाश्त नहीं, पीएम पद का रखें ख्याल
राहुल गांधी के पीएम मोदी के गले लगने से स्पीकर सुमित्रा महाजन नाराज हो गयी. उन्होंने कहा कि ऐसा बर्ताव सदन में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री जब सदन में बैठे हैं, तो वह नरेंद्र मोदी नहीं हैं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री हैं. इसके अलावा उन्होंने जब अपनी सीट पर जाकर आंख चमकाई तो वह भी सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं है. पीएम पद की गरिमा होती है, जिसका पालन किया जाना चाहिए. राहुल मेरे बेटे जैसे हैं और उनका भविष्य है, उनका नेतृत्व खुलने दीजिए, हमें संसद की गरिमा बनाये रखनी है.
सदन में शुरू कर दिया चिपको आंदोलन
गृह राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी में सदन के अंदर ही चिपको आंदोलन शुरू कर दिया और कोई आकर ऐसे गले मिले, यह ठीक नहीं है. गृहमंत्री ने कहा कि जो पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव लेकर आयी हैं, उनका एक -दूसरे पर ही विश्वास नहीं है. बहुत सी राजनीति पार्टियों के गठबंधन की चर्चा हो रही है, लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इस गठबंधन में नेतृत्व की चर्चा हो जाये तो ‘गई भैंस पानी में’ जैसे हालात हो जायेंगे.