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कोयला क्षेत्र में कोल बेड मीथेन निकासी के लिए कैबिनेट ने नियमों में ढील दी, पढ़ें अन्य अहम फैसले

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियों को अपने कोयला क्षेत्रों कोल बेड मीथेन की निकासी के लिए पीएनजी नियम 1959 के अंतर्गत लाइसेंस-पट्टा मंजूरी के लिए आवेदन नहीं करने के मामले में राहत दी है. यह मामला कैबिनेट की […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियों को अपने कोयला क्षेत्रों कोल बेड मीथेन की निकासी के लिए पीएनजी नियम 1959 के अंतर्गत लाइसेंस-पट्टा मंजूरी के लिए आवेदन नहीं करने के मामले में राहत दी है. यह मामला कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने दी है. सरकार का यह निर्णय कारोबार को आसान बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है.

इससे कोल बेड मीथेन यानी सीबीएम की खोज आसान होगी और उसके दोहन के काम में तेजी आएगी. इससे प्राकृतिक गैस की उपलब्धता बढ़ेगी और इसकी मांग और आपूर्ति के बीच अंतर कम हो सकेगा. कोल ब्लॉक के आसपास सीबीएम गैस भंडारों की खोज व दोहन से विकास गतिविधियां बढ़ेंगी और आर्थिक अवसर पैदा होंगे. इससे उद्योग में रोजगार का भी सृजन हो सकेगा.

मंत्रिमंडल ने उपराज्‍यपाल के वेतन और भत्‍तों में संशोधन को स्‍वीकृति दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संघ शासित क्षेत्रों के उपराज्‍यपालों के वेतन और भत्तों में संशोधन को आज स्‍वीकृति दे दी. इसमें उप राज्यपालों का वेतन महंगाई भत्ता, 4,000 रुपये प्रतिमाह की दर से सत्‍कार भत्ता और भारत सरकार के सचिव रैंक अधिकारियों को मिलने वाले स्‍थानीय भत्‍तों के साथ 2,25,000 रुपये प्रतिमाह करने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के निर्णय को मंजूरी दीगयी. इससे संघ शासित प्रदेशों के उप-राज्‍यपालों के वेतन औरभत्ते अब भारत सरकार के सचिव के समकक्ष हो जाएंगे. मंत्रिमंडल ने संघ शासित प्रदेशों के उप-राज्‍यपालों के वेतन एवं भत्ते को 1 जनवरी 2016 से बढ़ाने को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संघ शासित प्रदेशों के उप-राज्‍यपालों के वेतन एवं भत्ते 1 जनवरी, 2016 से महंगाई भत्ता, 4,000 रुपये प्रतिमाह की दर से सत्‍कार भत्ता और स्‍थानीय भत्तों को जोड़कर मिलने वाले 80,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर महंगाई भत्ता, 4000 रुपये की प्रतिमाह की दर से सत्‍कार भत्ता और भारत सरकार के सचिव रैंक अधिकारियों को मिलने वाले स्‍थानीय भत्तों के साथ 2,25,000 रुपये प्रतिमाह करने को स्वीकृति दी है.

उल्लेखनीय है कि संघ शासित प्रदेशों के उप-राज्‍यपालों के वेतन एवं भत्ते भारत सरकार के सचिव रैंक के अधिकारियों के बराबर होते हैं. पिछली बार 1 जनवरी, 2006 से संघ शासित प्रदेशों के उप-राज्‍यपालों के वेतन और भत्ते संशोधित किए गए थे. इस संशोधन के साथ उप-राज्‍यपालों के वेतन एवंभत्ते प्रतिमाह 26,000 रुपये (निर्धारित) से बढ़ाकर महंगाई भत्ता, 4,000 रुपये प्रतिमाह की दर से सत्‍कार भत्ता और स्‍थानीयभत्तों को जोड़कर 80,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया. बहरहाल, भारत सरकार के सचिव रैंक के अधिकारियों का वेतन एक जनवरी 2016 से सीसीएस (संशोधित) वेतन नियम, 2016 के अनुसार 80,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 2,25,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है.


कैबिनेट ने अवैध अप्रवासियों की वापसी संबंधी समझौते को मंजूरी दी

नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अवैध अप्रवासियों की वापसी के संबंध में भारत, ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के बीच हुए समझौते को आज मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया. भारत, ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के बीच हुए इस एमओयू के अमल में आने से राजनयिक पासपोर्ट धारकों को वीजा मुक्त व्यवस्था के साथ ही ऐसे लोगों के लिए ब्रिटेन की वीजा व्यवस्था उदार होगी जो वहां की यात्रा वैध तरीके से करते हैं. इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि ऐसे लोग जिनका दूसरे पक्ष के क्षेत्र में कानूनी रूप से रहने का अधिकार नहीं है, उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि के बाद उन्हें वापस लौटना होगा. इसके तहत अवैध रूप से रहने वाले नागरिकों के पकड़े जाने पर उनके वापस लौटने की प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने में मदद मिलेगी.

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