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कांग्रेस ने भाजपा पर पूर्वोत्तर को अस्थिर करने का लगाया आरोप, राहुल ने कहा- फिर से जीतेंगे लोगों का विश्‍वास

नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि वह त्रिपुरा, नगालैंड एवं मेघालय के लोगों के जनादेश का स्वागत करते हैं और क्षेत्र के लोगों का विश्वास फिर से जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं. पूर्वोत्तर के इन तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए गत शनिवार को घोषित परिणामों में जहां […]

नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि वह त्रिपुरा, नगालैंड एवं मेघालय के लोगों के जनादेश का स्वागत करते हैं और क्षेत्र के लोगों का विश्वास फिर से जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं. पूर्वोत्तर के इन तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए गत शनिवार को घोषित परिणामों में जहां कांग्रेस का नगालैंड और त्रिपुरा में खाता भी नहीं खुल पाया, वहीं मेघालय में 21 सीटों के साथ वह सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार नहीं बना पा रही है.

राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘कांग्रेस पार्टी त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के लोगों के जनादेश का सम्मान करती है.’ उन्होंने कहा, ‘हम पूर्वोत्तर भर में अपनी पार्टी को मजबूत करने और लोगों का विश्वास फिर से जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं’ उन्होंने कहा, ‘मैं पार्टी के लिए श्रम करने वाले प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.’

भाजपा का खतरनाक खेल कर सकता है पूर्वोत्तर को अस्थिर : कांग्रेस

कांग्रेस ने भाजपा पर पूर्वोत्तर क्षेत्र को अस्थिर करने का खतरनाक खेल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भगवा दल द्वारा किसी भी कीमत और किसी भी माध्यम से सत्ता हथियाने के कारण प्रत्येक भारतीय चिंतित है. पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनावों में पिछले सप्ताह घोषित परिणामों में जहां त्रिपुरा और नगालैंड में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया वहीं मेघालय में 21 सीटें लाकर वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.

बहरहाल, कांग्रेस मेघालय में भी सरकार नहीं बना पायेगी क्योंकि राज्य के राज्यपाल गंगाप्रसाद ने एनपीपी नेता कोनराड के संगमा को नयी सरकार बनाने का न्योता दिया है. एनपीपी को भाजपा समर्थन दे रही है. कांग्रेस ने साथ ही आज त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के लोगों को बधाई देते हुए उम्मीद जतायी कि इन राज्यों की नयी सरकारें शांति, प्रगति, आपसी मेलजोल और विकास के एजेंडे पर चलेंगी.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आज कई ट्वीट कर कहा, ‘त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय के लोगों को हमारी शुभकामनाएं.’ उन्होंने कहा, ‘हम गंभीरता से यह उम्मीद और प्रार्थना करते हैं कि नयी सरकारें शांति, प्रगति, साथ मिलजुलकर रहने और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ायेंगी.’

सुरजेवाला ने कहा, ‘हम यह भी उम्मीद करते हैं कि लोगों विशेषकर युवाओं के मुद्दों पर प्राथमिकता के साथ ध्यान दिया जायेगा.’ उन्होंने कहा ‘प्रत्येक भारतीय, भाजपा द्वारा किसी भी कीमत पर और किसी भी माध्यम से सत्ता हथियाये जाने को लेकर चिंतित है और क्या इसके कारण समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अस्थिरता की ओर नहीं ढकेल जा रहा है?’

सुरजेवाला ने कहा, ‘भाजपा पूर्वोत्तर में स्थिरता, सुरक्षा, शांति एवं प्रगति को ध्यान में रखे बिना अस्थिरता, विध्वंस और सत्ता हथियाने का खतरनाक खेल खेल रही है. उम्मीद है कि मोदीजी राजीवजी से सबक लेंगे जिन्होंने सदैव देश को पहले रखा और असम एवं मिजो समझौता कर क्षेत्र में शांति स्थापित की.’

उन्होंने कहा, ‘भाजपा की सत्ता की अंधी भूख क्षेत्र की स्थिरता, लोकतंत्र के प्रसार और अलगाववादी प्रवृत्तियों को काबू रखने में आड़े आ रही है तथा क्षेत्र के मूल मुद्दों की अनदेखी की जा रही है.’ कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा ने आईपीएफटी के साथ गठजोड़ किया है. इस पार्टी ने राज्य के विभाजन को चुनावी मुद्दा बनाया था और वह एक आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘(अब) समय आ गया है कि मोदी सरकार-भाजपा दोनों मुद्दों पर विचार करें. क्या वह त्रिपुरा राज्य के विभाजन की मांग का समर्थन करती है? यह वह आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग को खारिज करती है?’ कांग्रेस नेता ने कहा कि नगालैंड में भाजपा एनपीएफ के साथ सरकार बना रही है और उसने विपक्षी दल एनडीपीपी के साथ गठजोड़ कर चुनाव लड़ा था. एनपीएफ को 26 सीटें मिली हैं जबकि एनडीपीपी ने 18 सीटें जीती हैं.

उन्होंने कहा, ‘एनपीएफ और एनडीपी दोनों सरकार बनाने के लिए दावा पेश कर रहे हैं तो क्या नगालैंड फिर से अस्थिरता के दौर में प्रवेश कर रहा है जैसा कि पिछले पांच साल में हुआ. और नगा समझौते का क्या होगा?’ कांग्रेस नेता ने कहा कि मणिपुर में भाजपा गठबंधन तीन एनपीएफ विधायकों के समर्थन से चलेगा.

उन्होंने कहा कि नगालैंड भाजपा द्वारा एनीएफ (26 विधायकों) की अनदेखी कर एनडीपीपी (18 विधायक) के साथ सरकार बनाना क्या केवल सत्ता के बड़े हिस्से को हथियाना नहीं है और क्या इससे मणिपुर में सरकार की स्थिरता पर जोखिम नहीं आयेगा. मेघालय की चर्चा करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि प्रत्येक बेमेल पार्टी जो भाजपा या एक-दूसरे के खिलाफ ‘वैचारिक-राजनीतिक एवं चुनावी’ आधार पर लड़ी, किसी भी कीमत पर सरकार बनाने के लिए एक साथ आ गयी है. एनपीपी जमा यूडीपी जमा पीडीएफ जमा एचएसडीपी जमा भाजपा जमा निर्दलीय.

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या यह मेघालय की आकांक्षाओं एवं स्थिर सरकार का जवाब है? मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कोनराड संगमा और उनकी पार्टी एनपीपी ने मेघालय के विभाजन और अलग राज्य गारोलैंड का वादा किया था.’ उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या अन्य पार्टियां इसके लिए सहमत हैं? सुरजेवाला ने कहा, ‘क्या श्री संगमा मुख्यमंत्री बनने के बाद इस वादे पर आगे बढ़ेंगे? मोदीजी-भाजपा का इस बारे में क्या रूख है?’

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