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शहीद को सलाम: कैप्टन कपिल कुंडू का मानना था, जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए

गुडगांव : जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए कैप्टन कपिल कुंडू एक जांबाज भारतीय जवान थे. इस शनिवार को 23 वर्ष के होने वाले कैप्टन का मानना था कि जिंदगी लंबी नहीं बल्कि बड़ी होना महत्वपूर्ण है. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में रविवारको पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए गुडगांव के रानसिका […]

गुडगांव : जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए कैप्टन कपिल कुंडू एक जांबाज भारतीय जवान थे. इस शनिवार को 23 वर्ष के होने वाले कैप्टन का मानना था कि जिंदगी लंबी नहीं बल्कि बड़ी होना महत्वपूर्ण है. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में रविवारको पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए गुडगांव के रानसिका गांव के इस जाबांज कैप्टन का मानना था कि जिंदगी बड़ी होना ज्यादा महत्वपूर्ण है.

कुंडू का उनके परिवार के सदस्यों ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ बीती रात लगभग दस बजे अंतिम संस्कार किया. उस समय वहां कई स्थानीय और निकटवर्ती गांवों के लोग भी मौजूद थे. कई लोगों ने पाकिस्तान विरोधी नारे भी लगाये. हरियाणा के पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह और वरिष्ठ जिला प्रशासन अधिकारियों ने कैप्टन कुंडू केा अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए 22 वर्षीय कैप्टन कपिल कुंडू को श्रद्धांजलि दी.

अपने 23 वें जन्मदिन से महज छह दिन पहले शहीद हुए कुंडू का पार्थिव शरीर डोर्नियर विमान से दिल्ली लाया गया. विमान के शाम करीब छह बजकर 20 मिनट पर पालम वायुसेना अड्डे पर पहुंचने के बाद रक्षा मंत्री ने तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया. रक्षा मंत्री से पहले रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे और राव ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर वीर शहीद को श्रद्धांजलि दी. बाद में उनका पार्थिव शरीर एक एंबुलेंस से गुड़गांव के पटौदी में उनके गांव रानसिका ले जाया गया.

गुड़गांव के रानसिका गांव के इस साहसी युवक ने अपनी इस मान्यता को देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देकर साकार किया. सोमवार को उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए सैंकड़ों लोग गुड़गांव में उनके घर पहुंचे. जम्मू कश्मीर के राजौरी में रविवार को पाकिस्तानी गोलीबारी में कैप्टन कूंडू शहीद हो गये थे.

उनकी 52 वर्षीय मां सुनीता कुंडू ने कहा, ‘‘कपिल हमेशा कहता था कि जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए. वह मेरा बहादुर बेटा था और मुझे ऐसे बेटे की मां होने पर फख्र है जिसने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान किया. यदि मेरा एक और बेटा होता तो मैं उसे भी भारतीय सेना में भेजती.’ सुनीता के पति तब चल बसे थे जब कपिल कुंडू मात्र 15 साल के थे. अब उनके सीने में बेटे को खोने का दर्द है.

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