फोटो ::: दीपक
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केपी पप्पू व राजीव पंकू दिखे आमने-सामने
::: बिहार चुनाव से पहले मुजफ्फरपुर निगम में सियासी घमासान,
महापौर की ””””””””किचेन कैबिनेट”””””””” में कुर्सी को लेकर छिड़ी जंग
::: पार्षद राजीव कुमार पंकू और अभिमन्यु चौहान का बढ़ता प्रभाव बना अन्य सदस्यों के लिए असहजता का कारण
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बिहार विधानसभा चुनाव की दस्तक के साथ ही मुजफ्फरपुर नगर निगम का सियासी पारा चढ़ गया है. विकास की योजनाओं पर काम करने के दावों के बीच महापौर निर्मला साहू की सबसे शक्तिशाली टीम सशक्त स्थायी समिति, आपसी खींचतान का शिकार हो गयी है. सोमवार को निगम बोर्ड की बैठक में यह अंतर्कलह खुलकर सामने आ गयी, जब समिति के तीन सदस्य सीट को लेकर आपस में उलझ पड़े. पार्षद केपी पप्पू, कन्हैया कुमार और राजीव कुमार पंकू के बीच हुई जुबानी जंग ने महापौर के ””””””””कोर ग्रुप”””””””” में स्पष्ट विभाजन रेखा खींच दी है. अंदरखाने सुलग रही यह असंतोष की आग सोमवार को उस वक्त धधक उठी, जब कुर्सी को लेकर इन पार्षदों ने मर्यादाएं तोड़ दीं. निगम के गलियारों में चर्चा है कि यह टकराव लंबे समय से पनप रहा था, लेकिन बोर्ड की बैठक में इसने सार्वजनिक रूप ले लिया. राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस फूट का मुख्य कारण स्थायी समिति में राजीव कुमार पंकू और अभिमन्यु चौहान का बढ़ता हुआ दबदबा है. महापौर ने इन दोनों को कई विरोधों के बावजूद उनकी क्षमता और जनाधार को देखते हुए अपनी टीम में शामिल किया था. वर्तमान में नगर विधायक से भी इनकी नजदीकी बतायी जा रही है, जो कैबिनेट के अन्य सदस्यों को रास नहीं आ रहा है. इसी वजह से महापौर के अपने ही खेमे में अविश्वास की भावना हो रही है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि महापौर इस अंदरूनी कलह को कैसे शांत करती हैं या फिर यह नगर निगम की राजनीति में आने वाले दिनों में और भूचाल लाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है