सारठ. झारखंड कृषि कल्याण विभाग व कृषि एवं कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा डीएसई और आइसीएआर व राज्य सरकार के सहयोग से सारठ पीएम श्री केजीएबी परिसर में सॉइल हेल्थ एंड फर्टिलिटी स्कीम अंतर्गत स्कूल सॉइल हेल्थ प्रोग्राम का कार्यान्वयन किया गया. विद्यालय में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य रूप से उप परियोजना निदेशक अरविंद कुमार राय, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी शशांक शेखर व सॉइल टेस्ट डिवीजन से मणिकांत कुमार मुख्य रूप से शामिल हुए. कार्यशाला में उप परियोजना निदेशक ने शिक्षकों व विद्यार्थियों को मृदा नमूना संग्रहण व मृदा जांच विषय पर प्रशिक्षण दिया. विद्यालय में मृदा नमूना संग्रह व जांच के लक्ष्य के अनुसार कार्य किया गया. बीटीएम शशांक शेखर ने कार्यशाला में कहा कि आज क्यों आवश्यकता पड़ रही है कि हम विद्यार्थियों को मिट्टी जांच करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. क्योंकि हमारी धरती माता बीमार पड़ चुकी है. अपने घर में बड़े बुजुर्गों को बताना होगा कि खेतों में अंधाधुंध खाद का प्रयोग न करें, कीटनाशक का प्रयोग न करें. इसके लिए मिट्टी जांच करना बहुत जरूरी है. बताया कि जैसे आदमी के बीमार होने पर जांच करनी पड़ती है. उसी तरह से अगर मिट्टी की उर्वरता खत्म हो रही हो, तो जांच की जाती है. मौके पर उप परियोजना निदेशक ने बच्चों व शिक्षकों को मिट्टी की जांच के लाभ के बारे में भी बताया और मिट्टी संग्रहण करने की विधि भी बतायी. मौके पर विद्यालय की वार्डन करुणा सिंह,शिक्षिका खुशबू कुमारी, शैल झा, लेखापाल कार्तिक केशरी समेत विद्यालय की छात्राएं मोजूद थीं.
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