Jamshedpur news.
गुढ़ाझोर फुटबॉल मैदान, बाघुड़िया में रविवार को माझी परगना महाल महुलिया तोरोप की ओर से एक दिवसीय सामाजिक सम्मेलन का आयोजन देश परगना बैजू मुर्मू के अध्यक्षता में हुई. इस सम्मेलन में 35 गांव के माझी बाबा सहित पारानिक, गोडेत, जोगमाझी व समाज के महिला-पुरुष पारंपरिक परिधान में काफी संख्या में शामिल हुए. सामाजिक सम्मेलन में देश परगना बैजू मुर्मू ने कहा कि वर्तमान में आदिवासी संताल समाज स्वशासन व्यवस्था का संचालन करते हुए सर्वांगीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार आदि मुद्दों पर लगातार काम कर रहा है. इसके साथ ही जल, जंगल व जमीन को बचाते हुए संवैधानिक अधिकार का भी प्रचार प्रसार कर रही है. समाज के माझी बाबा अपने-अपने गांव के समस्याओं को समाधान करने के लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन किसी तरह की विवादित स्थिति उत्पन्न होने पर सामाजिक व्यवस्था के तहत बनी नियमावली का अनुपालन करें. सामाजिक व्यवस्था के तहत विवाद को उच्च स्तर पर ले जायें, ताकि समाज के हर व्यक्ति को उचित न्याय मिल सके. माझी बाबा ओलचिकी लिपि को समृद्ध व विकसित बनाने में अपनी भागीदारी को सुनिश्चित करें. माझी परगना महाल के प्रतिनिधियों ने संवैधानिक अधिकार, पेसा कानून, वनाधिकार कानून के तहत आदिवासियों को शक्ति प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को मांग पत्र सौंप चुके हैं. सरकार को पुन: संताली भाषा की ओलचिकी लिपि से पठन-पाठन शुरू करने की मांग को लेकर मांग पत्र सौंपा जायेगा. सम्मेलन में तोरोप परगना बाबा हरिपोदो मुर्मू, दसमत हांसदा, चंद्राय हांसदा, देश पारानिक दुर्गाचरण मुर्मू, मर्शाल मुर्मू, सांखो मुर्मू, बिरेन टुडू, लखीचरण सोरेन, पुरुषोत्तम सोरेन, रामचंद्र सिंह, शास्त्री हेंब्रम, लक्ष्मण मार्डी, लुखू टुडू, कोरो मुर्मू, भाटो सोरेन, सुखलाल मुर्मू, जाटा मार्डी, जितराई हेंब्रम, होपना मुर्मू, महेश्वर मुर्मू समेत काफी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है