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डीएमसीएच में आये 150 से अधिक केस

होली को लेकर डीएमसीएच के आपातकालीन विभाग में मरीजों की भीड़ रही

विगत तीन दिनों में आपातकालीन विभाग में रही अफरा तफरी की स्थिति

बेड के अभाव में फर्श पर लिटाकर किया गया मरीजों का इलाज

भीड़ के कारण कई परिजन निजी अस्पताल ले गये मरीज

व्यवस्था में कमी की बताते हुये चिकित्सकों ने भी कई मरीजों को कर दिया बाहर रेफर

फोटो. 19

परिचय. आपातकालीन विभाग में उमड़ी भीड़

प्रतिनिधि, दरभंगा.

होली को लेकर डीएमसीएच के आपातकालीन विभाग में मरीजों की भीड़ रही. विगत तीन दिनों में विभाग में अफरा- तफरी की स्थिति देखी गयी. 25 व 26 मार्च को संख्या काफी बढ़ जाने से बेड के अभाव में फर्श पर लिटाकर कई मरीजों को इलाज किया गया. जबकि भीड़ के मद्देनजर कई परिजन अपने मरीजों को निजी अस्पताल लेकर चले गये. वहीं व्यवस्था में कमी की बात कहते हुए चिकित्सकों ने कई मरीजों को बाहर रेफर कर दिया. विभागीय कर्मियों के अनुसार 25 व 26 मार्च को तीनों शिफ्ट में 150 से अधिक मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया गया. करीब तीन दर्जन से अधिक मरीजों को उनके परिजन निजी हॉस्पिटल लेकर चले गये. अधिकांश केस मारपीट व एक्सीडेंट का था. कई मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. करीब एक दर्जन मरीजों को लंबे इलाज के लिए सर्जरी, ऑर्थो व मेडिसिन विभाग में भर्ती किया गया. विदित हो कि आपातकालीन विभाग में करीब डेढ़ दर्जन बेड है, जो इन परिस्थितियों में नाकाफी साबित होते रहे हैं.

जूनियर चिकित्सकों ने संभाले रखी कमान

अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था जूनियर चिकित्सकों ने संभाले रखी. वरीय चिकित्सक पूर्व की तरह ही गायब रहे. कर्मियों का कहना रहा कि तीन दिनों से शिफ्ट के अनुसार जूनियर चिकित्सक ही चिकित्सा कर रहे हैं. अधिकांश सीनियर डॉक्टर नदारद रहे. चिकित्सा के क्रम में परेशानी होने पर ही वरीय चिकित्सकों से जूनियर डॉक्टरों ने फोन पर परामर्श लिया. वरीय चिकित्सकों के विभाग नहीं पहुंचने से मरीज व परिजनों को परेशानी झेलनी पड़ी.

उपाधीक्षक ने विभाग का किया निरीक्षण

होली के दिन करीब एक घंटा तक उपाधीक्षक डॉ हरेंद्र कुमार आपातकालीन विभाग में रहे. इस दौरान पीओडी व एसओडी डयूटी पर उपस्थित मिले. अन्य कर्मी भी सामान्य रूप से चिकित्सा प्रक्रिया में शामिल थे. उपाधीक्षक ने बेहतर चिकित्सा के मद्देनजर चिकित्सक एवं कर्मियों को निर्देश दिये.

पहले की अपेक्षा कम रही मरीजों की संख्या

आपातकालीन विभाग के कर्मियों की मानें तो पहले की अपेक्षा स्थिति में सुधार हुआ है. पिछले साल होली के मौके पर आधे दर्जन से अधिक लोगों की मौत मारपीट व दुर्घटना के कारण हुई थी. आपातकालीन विभाग में 300 से अधिक केस आये थे.

होली के दिन मरीजों की बेहतर चिकित्सा व्यवस्था को लेकर आपातकालीन विभाग को तैयार किया गया था. वहां डॉक्टर व कर्मी उपस्थित थे. बेड के अभाव में मरीजों को नीचे लिटा कर इलाज करना पड़ा. इस दौरान किसी को किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई.

डॉ हरेंद्र कुमार उपाधीक्षक

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