Chanakya Niti on Bravery: आचार्य चाणक्य को सबसे ज्ञानी, बुद्धिमान और समझदार पुरुष के तौर पर भी जाना जाता है. मानवजाति की भलाई के लिए उन्होंने कई तरह की बातें कहीं थीं जो आज के समय में भी हमें सही रास्ता दिखाने का काम करते हैं. आचार्य चाणक्य ने जो भी बातें कहीं थीं उन्हें आज के समय में हम चाणक्य नीति के नाम से भी जानते हैं. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में कुछ ऐसे हालातों का जिक्र भी किया है जिनमें एक व्यक्ति को कभी भी बहादुरी दिखानी नहीं चाहिए. आप कितने ही बहादुर क्यों न हों इन हालातों में शांत रहना ही समझदारी है क्योंकि अगर आप शांत नहीं रहते हैं तो यह आपके लिए मुसीबतों का कारण भी बन सकता है. तो चलिए इन हालातों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
जब सामने वाला व्यक्ति गुस्से में हो
आचार्य चाणक्य की मानें तो आपको कभी भी बहादुरी नहीं दिखानी चाहिए जब आपके सामने वाला व्यक्ति काफी ज्यादा गुस्से में हों. जब कोई भी व्यक्ति गुस्से में हो तो उससे बहस करना या फिर उलझना आपके लिए काफी ज्यादा नुकसानदेह होता है. चाणक्य कहते हैं जब कोई भी इंसान गुस्से में होता है तो उसके अंदर सही और गलत की समझ खत्म हो जाती है और इसी वजह से वह आपके खिलाफ कोई गलत कदम भी उठा सकता है. अगर आप किसी गुस्सैल व्यक्ति से बहस करते हैं तो माहौल खराब होने के साथ ही प्रॉब्लम और भी ज्यादा बढ़ जाती है.
जब हालात आपके कंट्रोल में न हो
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कई बार ऐसा भी होता है कि हालात हमारे कंट्रोल में बिलकुल भी नहीं होता है. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे हालातों में आपको बहादुरी दिखाने की जगह पर आपको शांत और ठंडे दिमाग से सोचने और समझने की जरूरत होती है. अगर कहीं बाढ़ आयी हुई है, आग लगी हुई है, हिंसा का माहौल है तो बिना सोचे-समझे आगे बढ़ने से आपके लिए खतरा बढ़ सकता है. आपकी समझदारी इसी में है कि आप हालात को पहले समझें उसके बाद ही कोई फैसला लें.
जब सामने वाला अधिक शक्तिशाली हो
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आपका दुश्मन आपसे ज्यादा शक्तिशाली या फिर ताकतवर हो तो आपको उसके सामने बहादुर बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. इस तरह के दुश्मन से सीधा टकराना आपके लिए बेवकूफी साबित हो सकती है. अगर आप अपने से ताकतवर दुश्मन के सामने बहादुरी दिखाने की या फिर उनसे भिड़ना चाहते हैं तो पहले प्लानिंग और तैयारी कर लेनी चाहिए.
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शारीरिक या मानसिक कमजोरी होने पर
आचार्य चाणक्य कहते हैं कई बार ऐसा होता है कि हम फिजिकली और मेंटली दोनों ही तरह से थक चुके होते हैं. अगर आप थकान, तनाव और किसी भी तरह की बीमारी से जूझ रहे हैं तो इस दौरान लिए गए फैसले गलत साबित हो सकते हैं. आचार्य चाणक्य कहते हैं ऐसे हालातों में बहादुरी दिखाने पर नहीं बल्कि खुद को मजबूत बनाने पर काम करना चाहिए. जब आप हर तरह से फिट हो जाएं तो ही जीवन में बड़े फैसले लें.
जब किसी बात का ज्ञान अधूरा हो
आचार्य चाणक्य कहते हैं किसी भी चीज का अधूरा ज्ञान होना काफी ज्यादा खतरनाक और नुकसानदेह होता है. अगर आपको किसी काम और हालात की सही जानकारी न हो आपको कभी भी बहादुरी नहीं दिखानी चाहिए. अक्सर जब आप अधूरी जानकारी होने पर कोई फैसला लेते हैं तो यह गलत भी हो सकते हैं और इनकी वजह से आपको मुसीबतें भी झेलनी पड़ती है. अगर आप कोई भी कदम उठाने जा रहे हैं तो पहले हालात की पूरी जानकारी जरूर इकठ्ठा कर लें.
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