Darbhanga News: बिरौल. रैयतों को सहूलियत देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार की ओर से चलाये जा रहे राजस्व महाअभियान से लोगों को सहूलियत नहीं मिल रही है. इसकी वजह कर्मियों की लापरवाही है. किसी भी व्यक्ति को जमाबंदी नहीं उपलब्ध करायी जा रही है. मालूम हो कि इस अभियान की मंशा थी कि ग्रामीणों को अब अपने कागजात के लिए दफ्तरों का चक्कर नहीं काटना पड़े. लोग अपने घर पर ही जमाबंदी की प्रति प्राप्त कर लें, लेकिन जमीनी स्तर पर तस्वीर इसके ठीक उलट दिख रही है. क्षेत्र की हकीकत यह है कि अबतक किसी भी गांव में घर-घर जमाबंदी पंजी का वितरण नहीं किया गया है. इस वजह से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पोखराम, पटनिया, सहसराम, पड़री, जगन्नाथपुर, उछटी, बलिया, नगर पंचायत, सुपौल बाजार, बिरौल, डुमरी, बैरमपुर, भवानीपुर गांव के लोगों ने बताया कि अभियान की घोषणा तो की गयी, लेकिन उनके घरों तक जमाबंदी पंजी की प्रति नहीं पहुंचाई गयी है. कई गांवों में तो जमाबंदी की प्रतियां किसी एक जगह छोड़ दी गयी है. इस कारण रैयत भटक-भटककर अपने कागजात तलाश रहे हैं. कुछ ग्रामीणों ने तो एक रैयत का कागज गलती से किसी और को पकड़ा दिये जाने की भी शिकायत की है. ग्रामीणों का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या स्थानीय राजस्व कर्मियों की कमी है. पर्याप्त संख्या में स्थानीय कर्मी नहीं होने की वजह से यह कार्य प्रभावित हो रहा है. स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार कर्मियों की तैनाती की जाय व उन्हें कड़ाई से जवाबदेह बनाया जाय, तभी यह अभियान सफल हो पाएगा.
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