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हौसला: दिव्यांग श्रेणी में थर्ड टॉपर दर्शना ने दिखायी राह मैग्नीफाइंग ग्लास से की पढ़ाई, हासिल किया 96.6%

नेशनल कंटेंट सेल इस साल सीबीएसइ की 12वीं की परीक्षा में दिव्यांग श्रेणी में तीसरा स्थान दर्शना एम वी को हासिल हुआ है, जो तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले की रहनेवाली हैं. उन्होंने 12वीं की परीक्षा में 96.6 फीसदी नंबर हासिल किया है. आंशिक रूप से दृष्टिबाधित होने के बावजूद दर्शना ने अपनी इस शारीरिक कमी […]

नेशनल कंटेंट सेल
इस साल सीबीएसइ की 12वीं की परीक्षा में दिव्यांग श्रेणी में तीसरा स्थान दर्शना एम वी को हासिल हुआ है, जो तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले की रहनेवाली हैं. उन्होंने 12वीं की परीक्षा में 96.6 फीसदी नंबर हासिल किया है. आंशिक रूप से दृष्टिबाधित होने के बावजूद दर्शना ने अपनी इस शारीरिक कमी को कभी अपने सपनों की राह में आड़े नहीं आने दिया.
दर्शना माइक्रोकॉर्निया नामक बीमारी से पीड़ित हैं. इस वजह से उनकी दाहिनी आंख की रोशनी लगभग ‘गायब’ है और बायीं आंख में आंशिक दृष्टि है. उन्होंने अपनी सारी पढ़ाई मैंगनीफाइंग ग्लास की मदद से की. दर्शना अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता तथा ईश्वर को देती हैं. आगे दर्शना की इच्छा कॉमर्स विषय पढ़ने की है. उनके अनुसार, मुझे अपना लक्ष्य प्राप्त करने और यहां तक पहुचने में मेरे स्कूल और परिवार का भरपूर सहयोग मिला, तभी मैं अपनी पढ़ाई पर अच्छी तरह से फोकस कर पायी और कभी भी उन्हें यह महसूस नहीं हुआ कि वह एक स्पेशल चाइल्ड हैं. आज उनकी लगन और मेहनत का नतीजा है कि इनमें से सभी विषयों में (केवल अंग्रेजी को छोड़ कर) उनके मार्क्स 90 फीसदी से ऊपर हैं. अनूप डीयू से पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई करना चाहते हैं और उनका सपना लेक्चरर बनने का है. इन बच्चों ने यह साबित कर दिखाया है कि अगर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो, तो जीवन में लाख मुश्किलें आयें, कामयाब होने से हमें कोई नहीं रोक सकता.
गांव में स्वरोजगार का सपना
आज के समय में जहां देश के ज्यादातर बच्चों का सपना 12वीं के बाद दिल्ली व मुबंई जैसे बड़े शहरों में रह कर पढ़ने का होता है, वहीं दर्शना अपने गांव में ही रह कर अपना कोई स्वरोजगार स्थापित करना चाहती हैं. दर्शना को कर्नाटक म्यूजिक बेहद पसंद है. एमएस सुब्बालक्ष्मी को अपना आइडियल मानती हैं और रोज सुबह वह भी म्यूजिक की प्रैक्टिस करती हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद दर्शना अपना खुद का एक उद्योग स्थापित करना चाहती हैं.
केरल की लक्ष्मी को दूसरा स्थान
इस साल सीबीएसइ की 12वीं की परीक्षा में दिव्यांग श्रेणी में दूसरा स्थान हासिल करने वाली लक्ष्मी पीवी केरल की रहनेवाली है. परीक्षा में उन्होंने 97.2 प्रतिशत अंक हासिल किये. लक्ष्मी पलक्कड़ जिले के पालघाट लायंस स्कूल की स्टूडेंट रही हैं और उन्हें देखने की समस्या है. इस श्रेणी में पहले स्थान पर केरल के सेंट थॉमस हाइअर सेकेंडरी स्कूल में पढ़नेवाला आदित्य ए राज रहा, जिसने 98 फीसदी अंक लाकर दिव्यांग श्रेणी में टॉप किया है. उसके पिता एक साधारण ऑटो रिक्शा ड्राइवर हैं. उसने कुल 500 में 490 मार्क्स स्कोर किया है. इस श्रेणी में अगला नाम है डीपीएस आरकेपुरम के अनूप कुमार का, जिन्होंने 90% मार्क्स स्कोर किया. अनूप ह्युमनिटीज के छात्र हैं. वह देख नहीं सकते. इसी वजह से उन्हें अपने फेवरेट सब्जेक्ट्स अर्थशास्त्र और मैथ्स विषय छोड़ने पड़े, क्योंकि उनके स्कूल में इन विषयों से संबंधित ब्रेल लिपि की पुस्तकें और अन्य स्टडी मैटेरियल उपलब्ध नहीं थे. इस बात से निराश होने के बजाय अनूप ने हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, सोशियोलॉजी, फिजिकल एजुकेशन और इंग्लिश सब्जेक्ट्स को चुना और अपनी पढ़ाई जारी रखी.
देश के अन्य राज्यों में भी लड़कियों का दबदबा
नोएडा एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा रक्षा गोपाल ने 12वीं में 99.6% अंक के साथ देश की टॉपर बनी हैं. रक्षा ने 500 में से 498 अंक हासिल किये. दूसरे स्थान पर 99.4 % अंकों के साथ चंडीगढ़ की भूमि सावंत रहीं.
गुजरात बोर्ड की साइंस टॉपर : गुजरात बोर्ड परीक्षा की 12वीं की टॉपर फरहाना बवानी हैं. उन्होंने 99.71 फीसदी अंक प्राप्त कर के साइंस विषय में टॉप किया है. फरहाना एक रिक्शा चालक की बेटी है. फरहाना का सपना डॉक्टर बनना है.
उत्तराखंड में 98.4 % अंकों के साथ वत्सला टॉपर
उत्तराखंड की सीबीएसइ 12वीं में 98.4 प्रतिशत अंकों के साथ वत्सला शुक्ला ने टॉप किया है. वह देहरादून के द ‌एशियन स्कूल की छात्रा हैं. वत्सला शुक्ला मूल रूप से टिहरी निवासी हैं. इनके पिता विनय शुक्ला यूजेवीएनएल में जीएम के पद पर हैं. मां संध्या शुक्ला हाउस वाइफ हैं. बड़ी सफलता के बाद वत्सला ने बताया कि सेल्फ स्टडी से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है.
कानपुर की अनन्या बनीं स्टेट टॉपर : सीबीएसइ की 12 वीं की परीक्षा में दिल्ली पब्लिक स्कूल आजाद नगर की छात्रा अनन्या वाजपेई 98.4 प्रतिशत अंक हासिल कर यूपी की टॉपर बनीं. अनन्या आगे चल कर वकील बनना चाहती हैं.
इति सिंह बनीं लखनऊ की टॉपर : सीबीएसइ की 12वीं में साइंस स्ट्रीम की छात्रा इति 97.8 प्रतिशत अंकों के साथ लखनऊ की टॉपर बनी. इनका सक्सेस मंत्र है- प्लान बना कर पढाई करें. वह पांच घंटे नियमित पढ़ती थीं.

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