एजेंसियां @ नयी दिल्ली
महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े अनेक मुद्दों पर यूं तो धीरे धीरे लोगों में जागरूकता आ रही है. लेकिन, कामकाजी महिलाओं का एक बड़ा वर्ग मानता है कि माहवारी के बारे में कार्यालयों को संवेदनशील बनाया जाना चाहिए. हाल ही में यहां नेशनल मेंस्ट्रुअल कॉन्क्लेव आयोजित किया गया था जिसमें कामकाजी महिलाओं ने कहा कि कार्यालय प्रशासन को माहवारी के समय कार्यस्थलों में ज्यादा सुरक्षित और मित्रवत माहौल निर्मित करना सुनिश्चित करना चाहिए साथ ही इस मुद्दे पर पुरुष सहयोगियों के बीच भी जागरूकता लाने की जरूरत है.
सॉफ्ट बैंक की उपाध्यक्ष परोमा रॉय चौधरी ने कहा कि माहवारी के दौरान महिलाओं के लिए कार्यस्थल में एक आरामदायक स्थान होना एक प्राथमिक जरूरत है और कार्यालयों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए. परोमा ने कहा कि दशकों तक कॉरपोरेट जगत में काम करने के साथ मैंने यह महसूस किया है कि अगर बात माहवारी स्वच्छता जैसे मुद्दे की की जाये तो कार्यालयों में महिलाओं के अनुकूल नीतियों का अभाव है. अनेक संस्थानों में महिलाएं देर रात तक काम करतीं हैं और ऐसे में उन्हें सब कुछ सभांलना मुश्किल होता है. उन्होंने कहा कि कार्यालयों में स्त्री रोग विशेषज्ञ और परामर्शदाओं को बुलाया जाना चाहिए. इसके अलावा महिलाओं को सैनेटरी पैड देने वाली मशीन भी होनी चाहिए साथ ही पुरुष प्रधान समाज की सोच बदलनी भी जरूरी है.
कार्यक्रम में मौजूद फोर्टिस ला फेमे की चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर (सीओओ) अंकिता पराशर ने कहा कि उन्होंने महिलाओं के लिए विशेष केंद्र बनाने का निर्णय किया है. जहां महिलाओं को उन विषयों पर सलाह दी जाये जिन पर आमतौर पर वह बातचीत नहीं कर पातीं. इसलिए कार्यालयों को चाहिए कि वे इस क्षेत्र में खुद आगे आकर पहल करें.