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#HangRapists : गुस्से में हैं महिलाएं, बलात्कारियों को मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार, चाकू-कैंची से हो रहीं लैस

#Nirbhaya #HangRapists #फूलनदेवीजिंदाबाद जैसे हैशटैग सोशल मीडिया के टॉप ट्रेंड में शामिल है. बलात्कारियों के प्रति लोगों का गुस्सा एक बार फिर फूटा है, जो स्वाभाविक है. हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ जिस तरह की हैवानियत हुई, उसके बाद किसी भी सभ्य समाज से ऐसी प्रतिक्रिया आना स्वाभाविक है. लेकिन बड़ा सवाल यह है […]

#Nirbhaya #HangRapists #फूलनदेवीजिंदाबाद जैसे हैशटैग सोशल मीडिया के टॉप ट्रेंड में शामिल है. बलात्कारियों के प्रति लोगों का गुस्सा एक बार फिर फूटा है, जो स्वाभाविक है. हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ जिस तरह की हैवानियत हुई, उसके बाद किसी भी सभ्य समाज से ऐसी प्रतिक्रिया आना स्वाभाविक है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस तरह की घटनाएं तमाम कड़े कानूनों के बावजूद रूक क्यों नहीं रही हैं? साथ ही सोशल मीडिया में जो ट्रेंड उभरकर सामने आ रहा है वह यह है कि अब महिलाएं खुद को इन घटनाओं से बचाने के लिए ना सिर्फ ऐसी घटनाओं की पीड़िता के लिए न्याय की गुहार लगा रही हैं, बल्कि वे बलात्कारियों से निपटने के तरीकों पर भी बात कर रही हैं.

कई महिलाओं ने जहां एक ओर सोशल मीडिया में अपने पोस्ट से अपना आक्रोश जताया है और समाज को ताकीद की है, बस अब और नहीं महिलाओं के शरीर पर उनका अपना हक है, वहीं कई महिलाओं ने रेपिस्ट से निपटने के पोस्ट भी शेयर किये हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर Sujata Chokherbali का एक पोस्ट लगातार शेयर किया जा रहा जिसमें वे लिखती हैं- किसी के घर में जबरन घुसना,अपमानित करना, उसे मार-पीट कर, घर तहस-नहस करना और जला देना यही तो है बलात्कार स्त्री की देह में जबरन घुसना, उसे अपनी ही देह से बेदखल कर देना और अक्सर ऐसे बेरहमी से कुचल देना कि वजूद मिट जाए. बलात्कार सेक्शुअल हिंसा है. और यह एक प्रभुत्वशाली लैंगिक पहचान का दूसरी अधीनस्थ की गई लैंगिक पहचान के ख़िलाफ़ एक सबसे पुराना और सबसे बड़ा युद्ध है। मैं कोसती हूँ उस दिन को जब मानव इतिहास में पहिए, आग, लोहे के साथ-साथ चुपचाप किसी दिन बलात्कार की खोज की गई होगी.मैं खिन्न हूँ, नाराज़ हूँ, ग़ुस्से में हूँ, डरी हुई हूँ और मुझ सी तमाम स्त्रियाँ और अन्य जेण्डर पहचानें भी…एक पूरी जाति को सदियों बलात्कार के साये में जीने को मजबूर करने वाला समाज कभी स्त्री के प्रति अपनी जवाबदेही स्वीकारेगा ?

भोपाल की एडिशनल एसपी Pallavi Trivedi की एक अपील को फेसबुक पर खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें उन्होंने महिलाओं को सलाह दी है कि वे किस प्रकार रेप या रेप की कोशिश से बचने की कोशिश कर सकती है. पल्लवी त्रिवेदी ने दस प्वाइंट में सुरक्षा के उपाय बताये हैं – आज मैं एक लड़की,एक ज़िम्मेदार नागरिक और एक पुलिस अधिकारी होने के नाते कुछ प्रिवेंटिव एक्शन व ज़रूरी कदम सभी को सजेस्ट करना चाहती हूं ,जो हर हालत में हर लड़की और उनके परिजनों तक पहुंचें।


1- नाबालिग लड़कियों के केस में पेरेंट्स और स्कूल प्रबंधन की सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदारी होती है। नासमझ बच्ची अपने साथ हुई घटना को न ठीक से समझ सकती है और न बता सकती है। इसलिए हर वक्त उसे सुरक्षित निगरानी में रखना बेहद ज़रूरी है। ख़ासकर पुरुष स्टाफ जैसे ड्राइवर, सर्वेंट, रिश्तेदार, ट्यूशन टीचर वगेरह के साथ अकेला न छोड़ें और न ही उनसे बच्ची के कपड़े बदलने या नहलाने जैसे कार्य कराएं।
उसे तीन साल की उम्र से ही अच्छे और खराब स्पर्श की ट्रेनिंग दें। इसे अपने मौलिक कर्तव्य की तरह निभाएं।

2- आठ साल की उम्र में बच्ची को अश्लील हरकतों और रेप का अर्थ समझा दें। बार बार समझाएं जिससे उसे इसकी समझ पैदा हो जाये और अकेले असुरक्षित जाने के खतरों से लगातार आगाह करते रहें। उसे बताएं कि कोई पुरूष अगर अश्लील इशारे करे,पोर्न वीडियो भेजे या दिखाने की कोशिश करे,उसके सामने अपना लिंग छुए या दिखाए या मास्टरबेट करे तो फौरन आकर पेरेंट्स को बताए। यही हरकतें उसके पोटेंशियल बलात्कारी होने का लक्षण हैं।और वो आपसे ये सब शेयर कर सके इसके लिए उसके दोस्त बनिये। डांट डपट करके उसे ये बातें बताने से हतोत्साहित न करें।

पेशे से शिक्षिका मुक्ति शाहदेव ने अपनी भड़ास कविता के रूप में निकाली है और उनका मानना है कि बलात्कारियों से निपटने के लिए अब लड़कियों को खुद मजबूत बनना होगा, ताकि उनपर हमला से पहले कोई हजार बार सोचें. वे लिखती हैं-
नोच लें गिद्ध-सी नजरों वाली
हर उन आंखों को
जो हर दिन घूरती/खाती और
चबाती रहती हैं हमें
चौक ,चौराहों ,
बस ,ऑटो और भीड़ में !

कि खुद रुकेंगे नहीं
रोज बढ़ रही इनकी जात
रोज बन रहे ये
और और और …
दुस्साहसी !
चलो,
कि और देर न हो जाए !

बेटियों को कर रहे हम सुसज्जित
बनैले नख ,दंत और
तीक्ष्ण ,जहरीले हथियारों से
पर नाकाफी है यह
इस वीभत्स और कुत्सित
दुनिया के लिए!

पत्रकार रजनीश आनंद और रचना प्रियदर्शिनी ने भी बलात्कार के मामलों पर अपना आक्रोश जताया है और बलात्कारियों से निपटने के बारे में लिखा है. झारखंड की राजधानी रांची में एक लॉ छात्रा के साथ 11 लोगों ने रेप किया है. इस बारे में रजनीश आनंद ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है और गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने लिखा है कि किस प्रकार एक औरत के शरीर पर उसे उसका हक नहीं दिया जाता और अगर वह अपने किसी पुरुष साथी के साथ है, तो उसे समाज कैरेक्टर सर्टिफिकेट देते हुए सहज सबके लिए उपलब्ध बता देता है.

वहीं रचना प्रियदर्शिनी ने बलात्कारियों से निपटने के उपायों की चर्चा की है और एडिशनल एसपी Pallavi Trivedi की पोस्ट को शेयर किया है.

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