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देश में दो फीसदी की दर से घटा कुपोषण
भारत में पिछले तीन साल में कुपोषण से कमजोर बच्चों का अनुपात घटा नयी दिल्ली : भारत में कुपोषण के कारण कमजोर बच्चों का अनुपात सालाना दो प्रतिशत की दर से घट रहा है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, कुपोषण के कारण औसत से कम लंबाई और भार वाले बच्चों का अनुपात 2004-05 में […]
भारत में पिछले तीन साल में कुपोषण से कमजोर बच्चों का अनुपात घटा
नयी दिल्ली : भारत में कुपोषण के कारण कमजोर बच्चों का अनुपात सालाना दो प्रतिशत की दर से घट रहा है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, कुपोषण के कारण औसत से कम लंबाई और भार वाले बच्चों का अनुपात 2004-05 में 48 प्रतिशत था, जो कम होकर 2017-18 में 34.70 प्रतिशत पर आ गया. इससे पहले, 2015-16 में 38.40 प्रतिशत था.
ये आंकड़े बताते हैं कि देश में कुपोषण सालाना करीब दो प्रतिशत की दर से घट रहा है. इससे पहले, एक दशक में इसमें सालाना एक प्रतिशत की दर से कमी दर्ज की गयी थी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यत: सरकारी मुहिम के कारण कुरोषण से बच्चों के शारीरिक विकास में रुकावट में यह कमी आयी है.
यूनिसेफ और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किये गये एक सर्वेक्षण के मुताबिक, 2004-05 से 2015-16 की दस वर्ष की अवधि के दौरान छह साल के कुपोषण प्रभावित ऐसे बच्चों के अनुपात में सालाना एक प्रतिशत की दर से 10 प्रतिशत की कमी आयी थी. 2015-16 से 2017-18 के दौरान कुपोषण चार प्रतिशत कम हुआ.
यह सालाना दो प्रतिशत की कमी है, जो कि बड़ी उपलब्धि है. यह सर्वेक्षण 1.12 लाख परिवारों को लेकर किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च, 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की थी, इसका लक्ष्य कुपोषण को 2015-16 के 38.4 प्रतिशत से घटाकर 2022 में 25 प्रतिशत पर लाना है.
2004-05 में 48% था, 2017-18 में 34.70% पर आ गया
एक तिहाई बच्चे भारत में कुपोषित
देश कुपोषित बच्चे
भारत 4.66 करोड़
पाकिस्तान 1.7 करोड़
नाइजीरिया 1.39 करोड़
पूरे विश्व में 15 करोड़
स्रोत : ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट-2018
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