लंदन: शोधकर्ताओं के अनुसार ग्रेफाइन फ्लेक्स की एक छोटी परत जीवाणु (बैक्टीरिया) के खिलाफ एक घातक हथियार के रूप में कार्य कर सकती है और यह प्रतिरोपण सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं के दौरान संक्रमण को रोक सकती है. ग्रेफाइन कार्बन का एक प्रकार है जिसमें कार्बन अणुओं की एक परत होती है. परत में कार्बन के अणु षटकोणीय जाली के रूप में व्यवस्थित होते हैं.
अनुसंधानकर्ताओं में भारतीय मूल का एक शोधकर्ता भी शामिल हैं. स्वीडन में क्लैमर्स प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि कूल्हे और घुटने के प्रतिरोपण या दंत प्रतिरोपण जैसे सर्जिकल प्रतिरोपण में हाल के वर्षों मेंवृद्धि हुई है. इस तरह की प्रक्रियाओं में, बैक्टीरिया संक्रमण का जोखिम हमेशा होता है. क्लैमर्स यूनिवर्सिटी के संतोष पंडित ने कहा, हम संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को रोकना चाहते हैं. नहीं तो, आपको एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता हो सकती है, जो सामान्य जीवाणुओं के संतुलन को बाधित कर सकती है और रोगाणुओं में एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोधी क्षमता पैदा का खतरा भी बढ़ा सकती है.’
जर्नल ‘ एडवांसड मैटेरियल्स इंटरफेस’ में प्रकाशित अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने बताया है कि ग्रेफाइन फ्लेक्स की एक परत एक सुरक्षात्मक सतह बनाती है जो बैक्टीरिया को नहीं जुड़ने देती है. ग्रेफाइन शल्य प्रतिरोपण जैसी प्रक्रियाओं के दौरान संक्रमण को रोकने में सहायक होती है.