Vidur Niti: दैनिक जीवन में अगर कोई आपकी किसी कमजोरी की वजह से आपका मजाक उड़ाते हैं तो परेशान नहीं होना चाहिए. क्योंकि समय हर किसी का आता है. समय आने पर उन्हें भी इन चीजों का एहसास हो जाता है. महाभारत के विदुर का पात्र तो आपने जरूर पढ़ा या देखा होगा. वह भी यही सलाह देते हैं. उन्होंने कहा था कि इस तरह की आदतें किसी को भी बर्बादी तरफ धकेल देती है.
कौन थे विदुर
महाभारत में विदुर एक बहुत समझदार और सच्चे इंसान के रूप में जाने जाते हैं. हालांकि वे एक दासी के बेटे थे, इसलिए राजा नहीं बन पाए, लेकिन अपनी बुद्धिमता और अपने गुणों के कारण हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री बने. उन्हें यह जिम्मेदारी राजा पांडु ने दी थी. विदुर हमेशा सच का साथ देते थे.
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विदुर नीति की सिखाई गई जरूरी बातें
विदुर नीति की मानें तो दूसरों का मजाक उड़ाना गलत है. जो लोग दूसरों की हंसी उड़ाते हैं, वे एक दिन खुद भी मजाक का पात्र बन जाते हैं. ऐसे लोग समाज में इज्जत नहीं पाते. किसी की मजबूरी का मजाक बनाना इंसानियत के खिलाफ है. ये आदतें इंसान को बर्बादी की ओर ले जाती हैं और उनके कई दुश्मन बन जाते हैं, जो समय आने पर नुकसान पहुंचाते हैं.
दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाले खुद फंसते हैं संकट में
विदुर नीति के अनुसार दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाले खुद संकट में फंसते हैं. जो लोग जलन या लालच के कारण दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं, वे एक दिन खुद ही कई तरह की मुसीबतों में घिर जाते हैं. उन्हें यह समझ नहीं आता कि वे अपनी नजरों में गिर चुके हैं, लेकिन धीरे-धीरे उनके बुरे स्वभाव की पहचान सबको हो जाती है. ऐसे लोगों से लोग दूर रहने लगते हैं और समाज में उनकी साख खत्म हो जाती है. और जब तक उन्हें अपनी गलती का एहसास होता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.
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