36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

लोगों को अपने स्वाद का दीवाना बना रही है सास-बहू की ‘छौंक’

कोरोना काल ने लोगों को काफी-कुछ सिखाया. जब कई लोग चुपचाप घर पर बैठ कर अच्छे समय का इंतजार कर रहे थे, वहीं कइयों ने इस आपदा में भी अवसर को तलाशा. उनमें से एक है ये सास-बहू की जोड़ी.

सामान्यत लोगों में धारणा होती है कि सास-बहू की पटरी नहीं बैठती, लेकिन हमारे बीच एक ऐसी भी जोड़ी है, जिनकी आपस में न केवल खूब बनती है, बल्कि प्रोफेशनल फ्रंट पर भी हिट है. बिहार की मंजरी सिंह ने अपनी सास हिरणमाया शिवानी संग दिल्ली में ‘द छौंक’ नाम से क्लाउड किचन की शुरुआत की है, जिसकी कामयाबी शोर कर रही है.

इनकम सोर्ससौम्या ज्योत्सना

कोरोना काल ने लोगों को काफी-कुछ सिखाया. जब कई लोग चुपचाप घर पर बैठ कर अच्छे समय का इंतजार कर रहे थे, वहीं कइयों ने इस आपदा में भी अवसर को तलाशा. दिल्ली में रहनेवाली भागलपुर (बिहार) की 35 वर्षीया मंजरी सिंह के पास उनकी सास हिरणमाया शिवानी अक्सर बिहार से आया-जाया करती थीं, मगर लॉकडाउन के दौरान जब लंबे समय तक वे वहीं फंस गयीं, तब दोनों ने टाइमपास के लिए कुछ क्रिएटिव करने का फैसला किया और साल 2021 में क्लाउड किचन ‘द छौंक’ की शुरुआत की.

Also Read: Benefits of Hugging: गले लगाने के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ जानिए…
40 से बढ़कर 450 ऑर्डर रोजाना

मंजरी पहले से ही अपने ग्लास कंटेनर्स के बिजनेस से जुड़ी हुई हैं, तो उन्होंने इसकी मार्केटिंग व मैनेजमेंट का जिम्मा बखूबी संभाला. वह कहती हैं, ‘‘मेरी सास बेहद अच्छी कुक हैं. जो भी एक बार उनकी हाथों का स्वाद चख ले, वह अपने बचपन की यादों में खो जाता है, इसलिए किचन का जिम्मा उन्हें सौंपा. शुरुआत में एक दिन में हमें 40 ऑर्डर मिलते थे, लेकिन आज ऑर्डर बढ़कर 450 हो गये हैं. हमें सबसे पहला ऑर्डर एक पहचान के गैर बिहारी व्यक्ति से ही मिला था, जो आज हमारे नियमित ग्राहक हो गये हैं.’’

लिट्टी-चोखा है ‘द छौंक’ की जान

मंजरी के अनुसार, पारंपरिक लिट्टी-चोखा ‘द छौंक’ की जान है. वह आगे कहती हैं, ‘‘लॉकडाउन के कारण हमें बिहारी स्वाद की कसक महसूस हुई तो, इसे अन्य लोगों की जरूरत से जोड़ कर देखा, जिन्हें अपने बिहारी स्वाद की याद सताती और बस केवल लिट्टी-चोखा से शुरुआत कर दी, पर आज मेन्यू में दाल-भात, तरकारी-रोटी, झालमुड़ी, खीर पुड़ी, मटर-भुजा, पुलाव, सत्तू की कचौड़ी, चूड़ा फ्राइ, सत्तू ड्रिंक, सत्तू पूड़ी, चंपारण मीट, चूड़ा-घुघनी, अचार आदि बिहारी व्यंजन का जायका यहां के लोगों की जुबां पर चढ़ चुका है.

Also Read: छोटी उंगली आपके पर्सनालिटी के बारे में क्या कहती है, जानिए
पर्यावरण का भी रखा है ख्याल

मंजरी कहती हैं, ‘‘हमारी यूएसपी है कि लोगों तक घर जैसा स्वाद पहुंचाते हैं, इसलिए इसे रेस्टोरेंट के तौर-तरीकों से अलग रखा है, यानी बनाने व परोसने में पूरी स्वच्छता का ध्यान रखते हैं. साथ ही पर्यावरण को लेकर जागरुक हैं, इसलिए प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करते.

फूड डिलीवरी एप्प व सोशल मीडिया से मिलते हैं ऑर्डर

“शुरुआत में हमें जोमैटो, स्विगी आदि फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, फिर बात बनती गयी. उनके अनुसार, 50 हजार रुपये के निवेश के साथ शुरू हुआ यह बिजनेस आज चार लाख रुपये प्रतिमाह तक जा पहुंचा है. लागत में करीब 40 प्रतिशत तक का लाभ मिल जाता है. उनके किचन में बने खाने की कीमत 110 से लेकर 445 रुपये के बीच है. आज अपने स्टार्टअप को रफ्तार देने के लिए उन्होंने ‘द छौंक’ नाम से फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप पर काफी एक्टिव हैं, जहां से उन्हें बढ़िया ऑर्डर मिल जाते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें