Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अपने समय के सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति के तौर पर भी जाना जाता है. कहा जाता है अगर इनके बताये राह पर आप चलते हैं तो आपको जीवन में कभी भी न मान-सम्मान की कमी होगी और न ही धन-दौलत और शोहरत की. आचार्य चाणक्य सिर्फ एक महान पॉलिटिशियन ही नहीं थे बल्कि उन्हें मानव स्वभाव की भी अच्छी-खासी समझ थी. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिंदगी में खुद की इज्जत और पहचान बनाये रखना काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है. इसी वजह से वे कहते हैं कि जीवन में कुछ हालात ऐसे भी होते हैं जब इंसान को भूलकर भी चुप नहीं रहना चाहिए. अगर आप एक ऐसे इंसान हैं जो हर बात चुपचाप सह लेते हैं तो समाज आपको धीरे-धीरे कमजोर समझने लग जाता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सम्मान मांगने से नहीं मिलता बल्कि समय आने पर खुद के लिए खड़े होने से मिलता है. आज इस आर्टिकल में हम आपको 5 ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अगर आप चुपचाप सहते रहते हैं तो समाज आपको कभी भी इज्जत नहीं देगा और कुछ ही समय में आपको कमजोर भी मान लेगा.
बार-बार अपमान सहना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई भी इंसान आपको बार-बार नीचा दिखाता है, ताना मारता है या फिर सभी के सामने बेइज्जती करता है लेकिन आप हर बार इसे चुपचाप सह लेते हैं तो सामने वाला आपको एक कमजोर इंसान समझ लेता है. इसके अलावा जब आप हर बार-बिना कुछ कहे चुपचाप बेइज्जती सहते रहते है तो आप दूसरों की नजरों में भी गिरने लगते हैं. अगर आप अपनी इज्जत को बचाकर रखना चाहते हैं तो यह काफी जरूरी हो जाता है कि गलत व्यवहार का विरोध करें शांत और साफ शब्दों में.
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बिना वजह दूसरों की हर बात मान लेना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर किसी को खुश करके रखने को आपकी आदत आपको ही नुकसान पहुंचाती है. जब आप बिना सोचे-समझे हर किसी की बातों को मान लेते हैं तो सामने वाला इंसान जरूरतों और इमोशंस को वैल्यू देना बंद कर देते हैं. चाणक्य कहते हैं जो भी इंसान ना कहना नहीं जानता उसे समाज अपने अनुसार हर काम करवा लेता है और साथ ही उसे बिलकुल भी हल्के मे लेने लगता है.
समय और मेहनत की कीमत न समझना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आप हर समय दूसरों के लिए मौजूद रहते हैं और अपने कामों को छोड़कर दूसरों की मदद करते हैं तो समाज में आपको कभी भी इज्जत नहीं मिलती है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो भी इंसान अपने समय और मेहनत की कद्र नहीं करता है दुनिया कभी उसकी कद्र नहीं करती है. अगर आप समाज में इज्जत पाना चाहते हैं तो यह काफी जरूरी हो जाता है कि आप अपने समय की सीमाएं तय कर लें.
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गलत बातों पर चुप रहना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आपके सामने किसी के साथ गलत हो रहा है और आप सिर्फ इसलिए चुप हैं ताकि विवाद न हो तो समाज आपकी इस चुप्पी को सहमति समझ लेता है. बार-बार ऐसा होते रहने से यही समाज आपको कमजोर और डरपोक भी मान लेता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अन्याय के खिलाफ अगर आप आवाज नहीं उठाते हैं तो यह भी एक तरह की कमजोरी ही है. आपकी इस गलती की वजह से भी समाज में आपकी इज्जत देखते ही देखते खत्म होने लगती है.
खुद की सीमाएं तय न करना
आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर आप लोगों को यह तय करने की इजाजत देते हैं कि वे आपके साथ कैसे पेश आएंगे तो अक्सर वे आपको अपनी मर्जी से ही चलाने लग जाते हैं. आचार्य चाणक्य कहते हैं जिस इंसान की कोई सीमा नहीं होती समाज में सिर्फ उसका इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप अपनी इज्जत को बचाये रखना चाहते हैं तो यह काफी जरूरी हो जाता है कि आप अपनी सीमाओं को सभी के सामने एकदम साफ करके रखें.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

