Chanakya Niti: आज के भागदौड़ भरे जीवन में व्यक्ति की पहचान उसकी धन-दौलत, पहनावे और सोशल मीडिया छवि से की जाती है. कई लोग इसी में फंस कर रह भी जाते हैं. चाणक्य नीति के अनुसार, व्यक्ति की असल पहचान भीतर के गुणों से होनी चाहिए. चाणक्य नीति आचार्य चाणक्य के विचारों के ऊपर प्रकाश डालती है और आज भी लोगों को सही मार्ग दिखाने में कारगर है. आचार्य चाणक्य एक विद्वान और कुशल रणनीतिकार थे. उन्होनें चाणक्य नीति के माध्यम से कई विषयों के ऊपर अपनी राय दी. चाणक्य नीति के पांचवे अध्याय के दूसरे श्लोक में,
यथा चतुर्भिः कनकं परीक्ष्यते
निर्घषणच्छेदन तापताडनैः।
तथा चतुर्भिः पुरुषः परीक्ष्यते
त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा॥
इस श्लोक के अनुसार सोने की परख गिसने, काटकर, ताप से और पीटकर होती है. इन सब से सोना खरा है इस बात का पता आसानी से किया जाता है. वैसे ही किसी व्यक्ति की परख त्याग, उसके चरित्र, व्यक्ति के गुण और काम से होती है.
त्याग का गुण
चाणक्य नीति के अनुसार, त्याग का गुण व्यक्ति को आगे बढ़ने में मदद करता है. व्यक्ति जब अपना स्वार्थ छोड़कर किसी और की मदद करता है तो समाज में लोग सम्मान करते हैं.
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सही आचरण
बुराई के बीच में रहकर भी जो व्यक्ति अपने चरित्र और आचरण को सही रख पता है ऐसा ही व्यक्ति जीवन के हर मोड़ पर सफल होता है. गलत तरीके से आप कुछ ही समय के लिए सफल हो सकते हैं मगर अच्छे आचरण का गुण मुश्किल समय में भी रखना कठिन काम है.
योग्यता का गुण
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, व्यक्ति की योग्यता और उसके स्वभाव भी इंसान की परख करते हैं. सफल होने के लिए आपको इन चीजों का विकास करना होगा.
काम से है पहचान
किसी भी व्यक्ति को उसके द्वारा किए गए काम से ही याद किया जाता है. इंसान क्या काम करता है और कैसे उस काम को पूरा करता है ये भी व्यक्ति की परख करने में सहायक है.
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